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आजमगढ़: अघोर परंपरा और समाज में इसकी प्रासंगिकता विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन


अघोर परम्परा और सर्वेश्वरी समूह का 19 सूत्री कार्यक्रम
समाज और राष्ट्र के उत्थान का सशक्त माध्यम-अघोरेश्वर बाबा सिद्धार्थ गौतम राम

आजमगढ़। हरिऔध कला केन्द्र में शिक्षाविदों और मनीषियों की वैचारिक गंग प्रवाह में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ।पहली बार आजमगढ़ में अघोर परंपरा और समाज में इसकी प्रासंगिकता विषय पर एक वृहद राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन अघोराचार्य बाबा कीनाराम अघोर शोध एवं सेवा संस्थान क्रीं कुण्ड,वाराणसी की सदर शाखा के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ।
अध्यक्षता स्वयं क्रीं कुण्ड के वर्तमान पीठाधीश्वर बाबा कीनाराम के पुनः अवतार अघोराचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी ने की। अपने आशीर्वचन में पूज्य अघोरेश्वर ने कहा कि अघोर परम्परा सदा सर्वदा मानव कल्याण का ही निमित्त रहा है, जीवन मे सदाचार का पालन और प्राणिमात्र से प्रेम ही जीवन का उद्देश्य है, अघोर परम्परा और उसके 19 सूत्री कार्यक्रम को अपनाकर हम अपने समाज और राष्ट्र का उत्थान कर सकते हैं।
मुख्य अतिथि कुलपति महाराजा सुहेलदेव विश्विद्यालय आजमगढ़ प्रो संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि अघोर परम्परा और संत समाज ने आदिकाल से भारत भारती का पथ प्रदर्शन किया है और भारत को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाया है, आज के युग में भी ऐसे ही वैचारिक और मानव कल्याण की विचारधारा से समृद्ध अघोर परम्परा के अवलम्बन की आवश्यकता है।
सारस्वत अतिथि प्रो0 संजीत कुमार गुप्ता, कुलपति, जनननायक चन्द्रशेखर विवि,बलिया ने कहा कि भारतीय संस्कृति ने सदैव ही विश्व के समक्ष मानवता और प्रेम का एक सबल उदाहरण प्रस्तुत किया है और अघोरपीठ क्रीं कुण्ड का भी यही पवित्र उद्देश्य है, प्रत्येक व्यक्ति को इससे जुड़कर निष्काम भावना से मानवता के इस पावन यज्ञ में अपनी आहुति देनी चाहिए।विशिष्ट अतिथि प्रो0 हरिकेश सिंह पूर्व कुलपति जयप्रकाश नारायण विवि,छपरा, बिहार ने कहा कि बाबा कीनाराम,अवधूत भगवान राम और अघोरेश्वर बाबा सिद्धार्थ गौतम राम ने भारत के जनमानस को अन्तःकरण की शुद्धि के साथ ही सशक्त राष्ट्र और समाज के निर्माण का संदेश दिया है इसलिए आज भी इसकी प्रासंगिकता न केवल है अपितु पहले से कहीं अधिक है।
संगोष्ठी का बीज वक्तव्य और 19 सूत्री कार्यक्रम की रूपरेखा वरिष्ठ समाजसेवी श्री सूर्यनाथ सिंह ने प्रस्तुत की।
संगोष्ठी को चन्द्रभूषण वाजपेयी पूर्व न्यायमूर्ति, छत्तीसगढ़, प्रो0 रामसुधार सिंह,डॉ0 विकास सिंह,डॉ0 विनय कुमार शुक्ला, डॉ0 सत्येंद्र कुमार सिंह, डॉ0 मधु सिंह,डॉ0 गया सिंह,डॉ0 पवन कुमार सिंह, डॉ0 दिग्विजय सिंह एवं अन्य शिक्षाविदों ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम का संचालन ले0 डॉ0 पंकज सिंह ने किया।
आयोजक समिति से क्रीं कुण्ड की सदर शाखा आज़मगढ़ के रामजनम सिंह, लालबहादुर सिंह,मेजर अशोक सिंह,प्रमोद कुमार सिंह,विपिन,गजराज आदि ने महाराजश्री एवं आमन्त्रित अतिथियों का अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र से अभिनंदन किया।
सी0 एन0 ओझा पूर्व डिप्टी कमिश्नर(स्टैम्प) ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।
क्रीं कुण्ड वाराणसी के प्रमुख व्यवस्थापक अरुण सिंह, पर्यवेक्षक द्वय सर्वेश सिंह और नीरज वर्मा ने कार्यक्रम में सहयोग एवं समन्वय स्थापित करते हुए अपना सहयोग प्रदान किया।
संगोष्ठी में पूर्व एम एल सी यशवंत सिंह,भाजपा नेता अखिलेश मिश्र गुड्डू,पूर्व सांसद संतोष सिंह,अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आज़ाद भगत सिंह, सी डी ओ लखीमपुर खीरी अनिल सिंह ,बृजभान सिंह,कैलाश आदि उपस्थित रहे।एन सी सी एवं रोवर्स रेंजर्स के कैडेटों ने अनुशासन का दायित्व संभाला, इस अवसर पर महाराजश्री के दर्शन और संगोष्ठी के वैचारिक मन्थन के लाभ हेतु जनपद के सभी वर्गों से पुरुष और महिलाओं की भारी भीड़ उपस्थित रही ।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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