होली की पूर्व संध्या पर निकले जुलूस में झांकियों ने मन मोहा
हर्षित दिखे पुरानी कोतवाली से निकली शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालु
आजमगढ़: हर साल की तरह से इस साल भी बुढ़वा की हसरत अधूरी रह गई। वह दुल्हन की तलाश में निकला, लेकिन पूरा शहर घूमने के बाद भी आखिर मेें कुंवारा ही लौट आया। शहर के पुरानी कोतवाली स्थित श्री रामलीला मैदान से श्री जगदीश जी हनुमान दल अखाड़ा द्वारा होली के पूर्व संध्या पर इस बार भी धूमधाम से बुढ़वा की बरात और झांकी निकाली गई। बाहर से आए कलाकारों द्वारा सजाई गई लाग की झांकियां, जिसमें मुख्य रूप से आगे रथ पर सवार बुढ़वा के बाद मां गंगा के रूप की झांकी, भगवान श्रीराम और लक्ष्मण, भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा, भगवान शिव और ब्रह्मा, विष्णु, महेश की झांकियों को सजाया गया। सभी झांकियां लोगों का मन मोह रही थीं। साथ ही बुढ़वा की बरात का भी एक अपना ही स्वरूप नजर आ रहा था। इस वर्ष भी बुढ़ऊ बहुत उम्मीद के साथ अपनी बरात लेकर निकले दुल्हन की तलाश में और देर रात बिना दुल्हन के ही वापस आ गए। यात्रा के दौरान बैंड बाजे, ढोल-ताशे और संगीत की धुन पर बराती और शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालु थिरक रहे थे। यात्रा पुरानी कोतवाली से निकलकर तकिया, कोट, दलालघाट, पुरानी कोतवाली, मुख्य चौक, मातबरगंज, लालडिग्गी, पुरानी सब्जी मंडी, जामा मस्जिद होते हुए पुरानी कोतवाली स्थित श्री रामलीला मैदान में देर रात समाप्त हुई। यात्रा सकुशल संपन्न होने पर अखाड़ा के प्रबंधक विभाष सिन्हा ने आम जन के साथ पुलिस विभाग का आभार व्यक्त किया। यात्रा में मुख्य रूप से श्रीचंद्र, सुरेश केसरी, संतोष, जयप्रकाश, अशोक, श्रवण कुमार, राम प्रसाद, पवन, नरेश, विकास, विनायक सिंह, आकाश, किशन आदि ने सहयोग किया।
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