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आजमगढ़: अटल जी के कवि रूप पर केन्द्रित "काव्य-कुंभ" का हुआ भव्य आयोजन





अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर गांधी शताब्दी स्मारक महाविद्यालय कोयलसा में हुआ आयोजन


आजमगढ़: गांधी शताब्दी स्मारक स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोयलसा, आजमगढ़ में पूर्व प्रधानमंत्री 'भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पूर्व निर्धारित विभिन्न कार्यक्रम एवं समारोहों की श्रृंखला में आज भारत रत्न अटल जी के कवि रूप को केन्द्रित "काव्य-कुंभ" का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ बी. ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा आकांक्षा द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ। तत्पश्चात प्रबंधक महोदय डॉ. नितिन कुमार सिंह एवम् उनकी सहधर्मिणी डॉ. अर्चना सिंह द्वारा अतिथि कवियों को स्मृति चिन्ह एवम अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. युवराज सिंह द्वारा अटल जी के कवि-कर्म पर प्रकाश डालते हुए सभी उपस्थित कवियों का संक्षिप्त परिचय दिया गया। काव्य कुंभ का आगाज श्री संदीप कुमार जी की कविता 'जो सभी का होता है वह कहां किसी का होता है" पंक्तियों से किया गया; तत्पश्चात डॉ. जय राम यादव तथा डॉ रुपेश तिवारी जी द्वारा स्वरचित कविताओं का पाठ किया गया। जनपद के युवा गजलकार जितेंद्र कुमार 'नूर' जी ने अपनी गजलों को पढ़ा 'जब हिम्मत कर लड़ने को बेजान खड़े हो जाते हैं, जुल्मों सितम करने वालों के कान खड़े हो जाते हैं, "हाथ फैलाने से कोई हक नहीं देगा तुम्हें, गिड़गिड़ाने का नहीं यह मुट्ठियों का दौर है,' तथा 'बड़ा जालिम जमाना है मसलकर फेंक देता है, तुझे फौलाद बनना है नजाकत भाड़ में जाए' पंक्तियों से समां बांध दिया। अन्त में वरिष्ठ कवि डॉ. ईश्वर चंद्र त्रिपाठी जी द्वारा 'मेरा जिंदा जमीर रहने दे, फकीर हूं फ़क़ीर रहने दे, ढाई आखर की जिंदगी मेरी, कबीर हूं कबीर रहने दे', 'तू जुबा काट ले मेरी फिर भी मैं दिन को रात नहीं कह सकता', 'सत्य पर आवरण नहीं होता / वक्त का आचरण नहीं होता / आंसुओं ने बताया आंखों को / दर्द का व्याकरण नहीं होता' तथा 'अपने होठों को सी लिया हमने / जहर मीरा का पी लिया हमने / कैसे बतलाएं तेरी दुनिया में / बन के सुकरात जी लिया हमने आदि पंक्तियों को पढ़कर काव्य कुंभ में रसस्नान करा दिया गया। अन्त में अपने खंड काव्य "शकुंतला" का भोजपुरी पाठ कर सभी श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। डॉ. अरविंद चित्रांश जी, सचिव, राष्ट्रीय कला सेवा संस्थान, आजमगढ़ का महाविद्यालय परिवार द्वारा सम्मान किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. दिनेश कुमार सिंह, चीफ प्रॉक्टर, द्वारा तथा कार्यक्रम का संचालन श्री चंदन कुमार जी द्वारा किया गया। समस्त कार्यक्रम प्राचार्य डॉ. स्वस्तिक सिंह जी की गरीमामयी उपस्थिति में सकुशल सम्पन्न हुआ। महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राएं एवम् प्राध्यापकगण डॉ उपेंद्र विश्वकर्मा, डॉ. पंकज मौर्य, डॉ. मनमोहन विश्वकर्मा, श्री राजेश विश्वकर्मा, श्री प्रमोद यादव, डॉ. संजय पटेल, डॉ. रामकुमार मौर्य, डॉ. धीरेंद्र मिश्रा, डॉ. दुष्यंत त्रिपाठी, डॉ. प्रमोद वर्मा, श्री अरुण यादव, डॉ. अनुराग मिश्रा, डॉ. विनीत तिवारी, श्री विपिन चतुर्वेदी आदि उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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