भोजनावकाश के समय सिधारी हाइडिल के प्रांगण में विरोध सभा किया
आजमगढ़: ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आव्हान पर प्रदेश व्यापी आन्दोलन के क्रम में शनिवार को भी विद्युत कर्मचारियों, अभियन्ताओं ने बाँहों पर काली पट्टी बाँधकर बिजली के निजीकरण का विरोध जारी रखा एवं दोपहर में भोजनावकाश के समय कार्यालय से बाहर सिधारी हाइडिल के प्रांगण में विरोध सभा कर अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए संकल्प लिया कि किसी भी हालत में बिजली क्षेत्र का निजीकरण नहीं होने देंगे। सभा को सम्बोधित करते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक प्रभु नारायण पाण्डेय 'प्रेमी' ने कहा कि बिजली का निजीकरण दिन-दहाड़े सरकारी धन एवं सरकारी सम्पत्तियों की खुली लूट है, जिसको रोका जाना प्रदेश के हित में आवश्यक है तथा प्रदेश के मुख्यमन्त्री से अपील किया कि ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण न किया जाय। सभा को सम्बोधित करते हुए बिजली विभाग के मजदूर नेता सैय्यद मुनौव्वर अली ने कहा कि बिजली का निजीकरण, प्रदेश एवं सूबों की जनता को आर्थिक रूप से पूँजीपतियों एवं बड़े उद्योगपतियों का गुलाम बनाना है। निजीकरण से जहाँ बिजली कर्मचारियों के सामने भुरमरी की समस्या उत्पन्न होगी, वहीं नौजवानों, मजदूरों, मेहनतकश अवाम के रोजगार के अवसर समाप्त हो जायेंगे और उनका आर्थिक एवं श्रम का शोषण किया जायेगा। किसानों एवं कल-कारखानों को महँगी बिजली मिलेगी, जिसके कारण महँगाई बढ़ेगी। सभा की अध्यक्षता इंजीनियर उपेन्द्र नाथ चौरसिया और संचालन प्रभु नारायण पाण्डेय प्रेमी ने किया। कार्यक्रम क धर्मू प्रसाद यादव, काशी नाथ गुप्ता, रोशन यादव, अभिषेक श्रीवास्तव, छेदी लाल, दुर्वाष प्रजापति आदि ने संबोधित किया है।
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