आजमगढ़: सिख परिवारों में सुबह से ही उत्साह का माहौल दिखा। स्नान आदि के बाद समाज के लोगों के कदम चल पड़े थे गुरु दरबार की ओर। मौका था सिख संप्रदाय के दसवें और अंतिम गुरु गोविद सिंह के 358वें प्रकाशोत्सव का। शहर के मातवरगंज स्थित श्री सुंदर गुरुद्वारा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गुरु दरबार को सजाया गया था और वहां पहुंचे आस्थावान गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेककर सबके कल्याण की कामना कर रहे थे। सुबह 10 बजे सहज पाठ की समाप्ति के उपरांत कड़ाह प्रसाद का वितरण किया गया। फिर सबद कीर्तन प्रारंभ हुआ। दोपहर बाद ढाई बजे तक आई हुई संगतें को गुरुवाणी से निहाल होती रहीं। सबद कीर्तन में ज्ञानी सुनील सिंह, हरविंदर सिंह के साथ महिलाओं और बच्चों ने भी सहभागिता निभाई। सबद कीर्तन में भाग लेने वाले बच्चों को उत्साहवर्धन के लिए श्री सुंदर गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी द्वारा पुरस्कृत भी किया गया। इसके बाद गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मुख सारे समाज एवं मानवता के भले के लिए अरदास की गई। खास बात यह कि लंगर में सभी संप्रदाय के लोगों ने भाग लिया। इसमें समता का भाव दिखा और सभी ने प्रसाद ग्रहण करने के बाद अपना पत्तल निश्चित स्थान पर रखा और जाते समय गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया।
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