कार, मोबाइल,आधार कार्ड, एडमिट कार्ड व प्रश्न पुस्तिका बरामद
परीक्षा के दौरान आधार सत्यापन में धराया,एक अभ्यर्थी से गिरोह करता था 10 लाख की डील
आजमगढ़: शहर कोतवाली व एसओजी की संयुक्त टीम ने सोमवार को ग्राम कोडर अजमतपुर स्थित बाग लखरांव पुल से अंतरराज्यीय साल्वर गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से अर्टिगा कार, छह मोबाइल फोन, विशाल कुमार नाम का एक कूटरचित आधार कार्ड, तीन एडमिट कार्ड, एक प्रश्न पुस्तिका बरामद किया। इस मामले में केंद्राध्यक्ष शिब्ली नेशनल डिग्री कालेज द्वारा शनिवार को प्रार्थना पत्र दिया गया था। बताया गया था कि यूपीसीसीएससीआर 2024-25 की परीक्षा में प्रथम पाली में कक्ष संख्या-103 में अनूप सागर निवासी ग्राम मऊपारा, देवकली, गाज़ीपुर सामिलित हुआ। उसके आधार वेरिफिकेशन प्रक्रिया में केवाईसी अपडेट न हो पाने के कारण डाटा का मिलान नहीं हो पा रहा था। संदेहवश जब पूछा गया तो पहले स्वीकार करने से मना कर दिया एवं स्वयं को अनूप सागर बताया। जब पुलिस सहायता से सख्ती से पूछताछ की गयी, तो उसने अपना सही नाम विकास कुमार निवासी असनिया कुआं, थाना कदम कुआं, पटना, बिहार बताया। अनूप के स्थान पर फर्जी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा में सम्मलित विकास कुमार ने यह भी बताया कि कुछ पैसों के बदले उसने यह काम किया है। इस सम्बन्ध में मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई शुरू की गई। पुलिस ने शनिवार को ही साल्वर विकास कुमार उर्फ राकेश कुमार मूल निवास हिलसा मोहल्ला शिवगुरु कालोनी, पटेलनगर, थाना हिलसा, जिला नालंदा को हिरासत में ले लिया, जबकि रविवार को परीक्षार्थी अनूप सागर निवासी ग्राम मऊपारा देवकली थाना नन्दगंज, गाजीपुर को पकड़ा गया। साल्वर से पूछताछ के बाद सोमवार को रामप्रवेश यादव निवासी चितावन पट्टी, थाना जमानिया, सुनील कन्नौजिया चौकिया, थाना कोतवाली (गाजीपुर), अंकित गुप्ता इस्लामपुर, नालन्दा बिहार (साल्वर) अमित कुमार कन्नौजिया डोरा, थाना सादात, गाजीपुर (परीक्षार्थी) को गिरफ्तार किया गया। पुलिस को अभी गैंग के छह आरोपितों की तलाश है। वहीं , पकड़े गये रामप्रवेश यादव ने पुलिस को बताया कि बिहार के दुर्गेश तिवारी के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थियों के स्थान पर बैठने हेतु साल्वर की व्यवस्था कराता हूं। विक्की कुमार की सहायता से परीक्षार्थियों के आधार कार्ड में फोटो परिवर्तित कराकर साल्वर को बैठने के लिए भेजता हूं। राम प्रवेश यादव ने यह भी बताया कि वर्ष 2021 के पूर्व से ही नौकरी दिलाने के लिए लोगों को फंसाता था और उनसे डील करके उनके स्थान पर साल्वर को बैठाकर परीक्षा दिलवाता था। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के स्थान पर साल्वर बैठाकर फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने का कार्य हम सभी लोग मिल करते हैं। पकड़े गये रामप्रवेश यादव ने यह भी बताया कि हमारा एक संगठित गिरोह है। गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर पूर्व से ही फर्जी तरीके से प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थी के स्थान पर साल्वर को बैठाकर यह कार्य हम सभी मिल कर रहे हैं। परीक्षार्थी के स्थान पर साल्वर बैठाने के नाम पर लगभग 10 लाख रुपये में डील तय होती थी। इसमें दो लाख रुपये परीक्षा से पहले तथा शेष परीक्षा के बाद लिए जाते थे। इसमें दुर्गेश तिवारी मुख्य भूमिका अदा करता था और बिहार से साल्वर व फर्जी आधार कार्ड तैयार कराकर प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने हेतु साल्वर की व्यवस्था करता है। सुनील कन्नौजिया, बबलू यादव, श्रवण कुमार यादव , सूर्यकान्त कुशवाहा उर्फ पिन्टू द्वारा परीक्षार्थियों की तलाश कर डील कर दुर्गेश तिवारी के साथ साल्वर बैठाने का कार्य किया जाता है।
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