जिला महिला अस्पताल में नर्सिंग आफिसर बेड तक जा कर मरीजों को परोस रहीं भोजन
मरीजों को दवा के साथ चिकित्सा कर्मियों के मीठे बोल इलाज में सहायक हैं - डा. विनय कुमार
आजमगढ़: कैसी तबीयत है, कोई दिक्कत तो नहीं है। कोई भी समस्या हो तो तुरंत बताइएगा। अच्छा ठीक है यह भोजन लीजिए और समय से खा लीजिएगा, क्योंकि गर्म भोजन सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। इस तरह की बात महापंडित राहुल सांकृत्यायन जिला महिला अस्पताल में सुनने को मिल रही हैं। दरअसल यहां भोजन वितरण की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। भर्ती प्रसूता व अन्य महिला मरीजों के बेड तक पहुंचकर नर्सिंग अफसर खुद के हाथ से भोजन परोसने के साथ उनका हालचाल लेती हैं। भोजन के साथ ममता भरी बोली मरीजों मरीजों को आंतरिक रूप से संबल प्रदान कर रहा है। हालांकि मरीजों को पूर्व में भी भोजन दिया जाता था, लेकिन भोजन देने का तरीका ठीक नहीं होता था। भोजन कक्ष का कर्मचारी वार्डों में पहुंचकर आवाज लगाता था कि बर्तन के साथ आकर भोजन ले जाओ। इससे कभी -कभी मरीजों के सामने समस्या उत्पन्न हो जाती थी। अस्पताल प्रशासन ने इस समस्या को महसूस किया और पूरी व्यवस्था में परिवर्तन का फैसला लिया। तय किया गया कि अब किसी मरीज को बर्तन लेकर भोजन कक्ष में जाने की जरूरत नहीं है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने अपने स्तर से भोजन की थाली की व्यवस्था की। यह निर्णय लिया गया कि सभी मरीजों के बेड तक पहुंचकर नर्सिंग अफसर अपने हाथों से भोजन परोसने काम करेंगी। इस व्यवस्था के तहत भोजन के साथ मिल रही ममता भरी बोली मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो रही हैं। जिला महिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. विनय कुमार सिंह यादव ने बताया कि भोजन वितरण की बदली व्यवस्था का असर मरीजों मरीजों के चेहरे पर दिख रहा है। कारण कि मरीज के स्वस्थ होने में दवा के साथ चिकित्सा कर्मियों की मीठी बातें काफी सहायक सिद्ध होती हैं। मरीजों की जरूरत के अनुसार भोजन का निर्धारण डाइटीशियन की सलाह पर किया जाता है। वितरण के समय नर्सिंग अफसर इसकी निगरानी भी करती हैं।
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