जिनके घर नहीं थी गाय उन्होंने पड़ोस में पूरा किया धर्म
आजमगढ़: भारतीय परंपरा और त्योहार सबसे निराला है। जिसके शरीर में निवास करते हैं करोड़ों देवी-देवता उस गो माता के लिए निर्धारित गोपाष्टमी पर हर कोई श्रद्धानवत दिखा। शहर के पहाड़पुर श्री कृष्ण गौशाला हवन-पूजन व गाय पूजा के साथ उन्हें ग्रास दिया गया और आरती उतारकर संपन्नता का आशीष मांगा गया। इस दौरान सुंदरकांड का पाठ अरुण सिंह अनाड़ी व उनकी टीम के लोगों ने किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन सुनील विश्वकर्मा ने किया, जबकि मुख्य यजमान के रूप में अभिषेक जायसवाल ने पूजन किया। उसके बाद मौजूद लोगों में प्रसाद स्वरूप हलवा, पूरी व मिष्ठान आदि वितरित किया गया। गो पूजा में शामिल लोगों ने बताया कि गो-माता का कोई भी चीज बेकार नहीं होता, बल्कि उसका उपयोग होता है। अगर गाय के दूध से लोगों की सेहत बनती है, तो दूध से ही तरह-तरह के मिष्ठान और पकवान बनते हैं। यहां तक कि गाय के गोबर से खाद और प्राचीन समय में घरों में जमीन और दीवारों की पोताई भी होती है। घरों में गाय के गोबर के उपयोग के पीछे मान्यता है कि उसमें लक्ष्मी का वास होता है। इसके अलावा जगह-जगह लोगों ने गो माता की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की। जिनके घरों में गाय पालन नहीं होता उन लोगों ने स्नान के बाद आसपास जाकर गो माता का पूजन-अर्चन कर फल और मिष्ठान खिलाया। उसके बाद गाय का पैर छूकर आशीर्वाद मांगा।
Blogger Comment
Facebook Comment