दक्षिणमुखी देवी दरबार में भोर से ही लग गई थी श्रद्धालुओं की कतार
आजमगढ़: शारदीय नवरात्र के पहले दिन गुरुवार को घर-घर में कलश स्थापना के साथ मां का आह्वान किया गया। हर दिल में आस्था की हिलोरें उठीं तो आसपास के लोग भी पूजा में शामिल हुए। घर की पूजा के बाद हर कदम चल पड़े देवी दरबार की ओर। रास्ते में से लेकर मंदिरों में मां का जयकारा लग रहा था। कहीं कोई दुकान पर नारियल-चुनरी खरीद रहा था, तो कोई फूल और माला। शहर में सबसे ज्यादा भीड़ चौक स्थित दक्षिणमुखी देवी मंदिर में दिखी। सुबह के आठ बजते-बजते पूरा मंदिर परिसर भक्तों की भीड़ से भर गया। घंट-घड़ियाल की ध्वनि के बीच मां के जयकारे से पूरा वातावरण गूंज रहा था। मंदिर परिसर में प्रवेश के साथ ही लोग घंट-घड़ियाल बजाने लगे। मां का विभिन्न फूलों से भव्य श्रृंगार किया गया। मां की एक झलक पाकर भक्त निहाल हो जा रहे थे। यहां गर्भगृह में प्रसाद चढ़ाने की तो अनुमति दी गई थी, लेकिन नारियल फोड़ने की अनुमति नहीं थी। अगर किसी की इच्छा भी थी तो उसके लिए मंदिर के गेट के पास नारियल फोड़ने का विकल्प दिया गया था। मंदिर के बाहर खिलौने-गुब्बारे की दुकानें सजी हुई थीं। पूजा-अर्चन के बाद बच्चों ने जमकर खरीदारी की। दूसरी ओर घरों में प्रथम दिन कलश स्थापित कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना गई, तो पुरोहितों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ आरंभ किया। अतरौलिया नगर पंचायत स्थित दुर्गा मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ दिखी। लग रहा था कि कलश स्थापना के साथ देवी दुर्गा का भक्तों के बीच आगमन हो गया है। पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई। बाजार में माता रानी की प्रतिमाएं, चुनरी और पूजन सामग्री की खूब बिक्री हुई। फूलपुर के ग्राम देवता, मां भवानी मंदिर, श्री बुढ़िया माता मन्दिर, काली जी मंदिर, श्री शंकर जी तिराहा मंदिर, पर श्रद्धालुओं ने मत्था टेका। ग्रामीण क्षेत्रों में पंडालों में मां आदि शक्ति की प्रतिमा स्थापित कर समितियों द्वारा पूजन किया गया। बाजार में फलांे की दुकानों पर भारी भीड़ लगी रही।
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