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आजमगढ़: लावारिसों का वारिस बना भारत रक्षा दल, कराया तर्पण व श्राद्ध



राजघाट पर पिंडदान के बाद हुआ ब्राह्मण भोज

दक्षिणा व उपहार देकर की विदाई, सभी ने लिया प्रसाद

आजमगढ़: कहते हैं कि जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों। कुछ इसी तरह का भाव इस बार भी दिखा भारत रक्षा दल के कार्यकर्ताओं में। वर्ष 2013 से अब तक संगठन ने 614 लावारिस शवों का दाह संस्कार कराया और हर बार की तरह से राजघाट पर लावारिसों का वारिस बनकर तर्पण, पिंडदान और अन्य श्राद्ध कर्म किया। राजघाट पर पंडित विपिन मिश्रा ने सारा कर्मकांड पूरा कराया और उन्हें दक्षिणा देकर विदाई के बाद कुंदीगढ़ स्थित संगठन कार्यालय पर ब्राह्मण भोज कराने के बाद उन्हें दक्षिणा और उपहार देकर विदाई दी गई। उसके बाद बाकी लोगों ने प्रसाद स्वरूप भोजन ग्रहण किया।
इस अवसर पर उपस्थित भारत ऱक्षा दल के प्रदेश अध्यक्ष हरिकेश विक्रम ने बताया कि संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा पूरे जिले भर में लावारिस शवों का दाह संस्कार इसी घाट पर किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसे अनजान मृतकों की आत्मा की शांति हेतु यह कार्य प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष में किया जाता है। इस कार्य में कुछ पदाधिकारी मृतकों के वारिस की भूमिका में कर्मकांड कराते हैं। हम सभी को लगता है कि सामाजिक दायित्व का निर्वहन किया। श्राद्ध कर्म में भारद के जिलाध्यक्ष उमेश सिंह गुड्डू, तहसील अध्यक्ष चंद्रप्रकाश मौर्य, मनीराम प्रसाद, प्रदीप चौहान, जैनेंद्र चौहान, आरपी श्रीवास्तव ने सहभागिता की। कार्यालय पर आयोजित भोज में लाला प्रवीण कुमार गौड़, सुनील वर्मा, डॉ. धीर जी श्रीवास्तव, जावेद अंसारी, प्रदीप मौर्य, हिमांशु सिंह, रमाकांत यादव, धर्मराज, गोपाल प्रसाद, राजन अस्थाना, सचिन जायसवाल, धनंजय अस्थाना आदि कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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