जलस्तर में 24 घंटे में 54 सेमी की कमी, अभी भी बाढ़ के पानी से घिरे हैं आठ गांव
झगरहवा समेत चार गांवों में शुरू हुई कटान, जलजमाव से बढ़ा मच्छरों का प्रकोप
आजमगढ़: चार दिनों तक उफान मारने के बाद बुधवार से शांत हो रही सरयू नदी की लहरें शनिवार को सवा दो सेमी की रफ्तार से पीछे लौट गईं। यानी 24 घंटे में 54 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई। इस प्रकार जलस्तर खतरा निशान 71.68 मीटर से 62 सेंटीमीटर नीचे 70.06 मीटर रिकार्ड किया गया। जलस्तर कम होने के साथ प्रशासन ने नावों की संख्या घटाकर 19 कर दी है। कारण कि प्रशासन की डायरी में अब 25 गांव की जगह केवल आठ गांव ही बाढ़ के पानी से घिरे हैं, जिनमें चक्की, हाजीपुर, शाहडीह, सौनौरा, अजगरा मगर्बी, अराजी अजगरा मगर्बी आदि शामिल हैं। जलस्तर कम होने के साथ झगरहवा, बगहवा, बासू का पूरा में कटान शुरू होने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है, जबकि सहबदिया गांव में पहले से ही कटान जारी है। दूसरी ओर आबादी के आसपास के निचले हिस्से में जलजमाव के कारण मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि दिन में भी चैन नहीं मिल रहा है। अभी तक दवाओं का छिड़काव करना जिम्मेदारों ने जरूरी नहीं समझा। सगड़ी तहसील क्षेत्र के उत्तरी क्षेत्र में बहने वाली सरयू नदी के जलस्तर ने मंगलवार को इस साल का सारा रिकार्ड तोड़ दिया था। खंड शिक्षाधिकारी हरैया अशोक कुमार राय ने बताया कि अभी भी क्षेत्र के 20 परिषदीय विद्यालयों में स्थिति के अनुसार बच्चों के लिए अवकाश रहेगा। इस बीच 75वें दिन शनिवार को भी 2,37,727 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से ग्रामीणों की चिंता बरकरार है। अब तक 2,06,09,073 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बीच में 18वें दिन 25 जुलाई, 55वें दिन एक सितंबर और 66वें दिन 12 सितंबर को पानी नहीं छोड़ा गया था। मुख्य माप स्थल बदरहुआ नाले के पास खतरा निशान 71.68 मीटर है। शुक्रवार को 71.60 मीटर दर्ज किया गया था, जबकि शनिवार को 54 सेमी घटकर 71.06 मीटर पर पहुंच गया। दूसरी ओर सितंबर महीने के अंत तक जलस्तर में उतार-चढ़ाव के कारण प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में दिख रहा है।
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