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आजमगढ़: जय भोजपुरी,जय भोजपुरिया, गूंजे सकल जहान में....


दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत 2024 की हुई शुरुआत

कई देशों के भोजपुरी भाषियों की बोली ने मन मोहा,गौरवशाली पूर्वांचल पुस्तक का हुआ विमोचन

आजमगढ़: अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत: 2024 की शुरुआत शहर के हरिऔध कला केंद्र में गुरुवार को हुई। राष्ट्रीय कला सेवा संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय इस संगम में अलग- अलग देशों से आए भोजपुरी भाषियों की बोली ने लोगों का मन मोह लिया।
भोजपुरी संगम के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन, पियूष मोर्डिया ने कहा कि जीवन में भोजपुरी भाषियों से मुलाकात होने पर यह पता चला कि यह कितनी मीठी बोली हैं। भोजपुरी में इतनी क्षमता है कि वह चंद मिनटों में अपरिचित को अपना बना लेती है। यह कला दुनिया में और किसी भाषा में नहीं है। उन्होंने बिटिया की विदाई नाटक की प्रशंसा की।
विशिष्ट अतिथि भोजपुरी फिल्म स्टार एवं पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने कहा कि
मैंने 2 सालों में आजमगढ़ में 22 भोजपुरी फिल्में बनाई है। भोजपुरी भाषा को समृद्ध करने में कलाकारों ने बड़ी भूमिका अदा की है।
उन्होंने कहा कि जनपद के कलाकारों को उचित मंच प्रदान करनेके लिए हर स्तर पर मदद करेंगे।
विशिष्ट अतिथि भोजपुरी संस्थान मॉरीशस की निदेशिका डॉ सरिता बुद्धू भोजपुरी भाषा में संबोधित किया। कहा कि 1834 में हमारे पूर्वज मॉरीशस, फिजी, त्रिनिदाद जैसे देशों में गए थे। जहां आज भी भोजपुरी गीतों के साथ लोग जी रहे है। मॉरीशस के स्कूलों में भोजपुरी और हिंदी विषय की पढ़ाई हो रही है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार और मॉरीशस सरकार के संयुक्त तत्वावधान में अगला भोजपुरी सम्मेलन उत्तर प्रदेश में होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तेजी से विकास किया है।
पुलिस उपमहानिरीक्षक वैभव कृष्ण मंचासीन रहे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ सर्जन एवं समाजसेवी डॉक्टर निर्मल श्रीवास्तव ने की।
उद्घाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत अरविंद चित्रांश ने किया। उनके द्वारा संपादित पुस्तक गौरवशाली पूर्वांचल का विमोचन भी हुआ। कार्यक्रम में त्रिनिदाद और टोबैगो सचिव द्वितीय, भाषा एवं संस्कृति, भारतीय उच्च आयोग, डॉ शिवकुमार निगम, मॉरीशस के प्रसिद्ध लेखक लीलाधर हीरालाल, मॉरीशस से विजयलक्ष्मी जौहरी, नेपाल से पूजा बहार, अंडमान निकोबार से अशोक कुमार शर्मा, उषा शर्मा, दुबई से लाल बहादुर ठाकुर समेत विभिन्न देशों से विशेषज्ञ पहुंचे जिन्हें सम्मानित किया गया। विजय बागी ने जय भोजपुरी,जय भोजपुरिया, गूंजे सकल जहान में.... गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी।
कार्यक्रम का संचालन हरिप्रसाद सिंह ने किया।वीरेंद्र भारती की टीम ने गीत प्रस्तुत किया। बिटिया की विदाई नाटक का मंचन देख लोगों की आखें भर आई।वरिष्ठ रंगकर्मी डॉ शशि भूषण प्रशांत ने इसका सारांश प्रस्तुत किया।
उद्घाटन सत्र के बाद लोकरंग महोत्सव का आयोजन हुआ। इसमें ख्यातिप्राप्त कलाकारों द्वारा लोकगीत, संगीत और नृत्यों की प्रस्तुतियां हुई।
भोजपुरी संगम में मुख्य रूप से सूरज श्रीवास्तव, प्रो गीता सिंह, प्रो हसीन खान, प्रोफेसर अखिलेश चंद्र, डॉ निरंकार प्रसाद श्रीवास्तव, सुभाष चंद्र सिंह,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, प्रवीण सिंह, डॉ ईश्वर चंद्र त्रिपाठी, लाल बहादुर चौरसिया, सपना बनर्जी, डॉक्टर बालचंद प्रसाद, सारिका श्रीवास्तव,जगदंबा प्रसाद श्रीवास्तव, जय हिंद सिंह,अलकांर कौशिक, राहुल कुमार, राजेश रंजन समेत अन्य लोग शामिल हुए।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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