राजघाट पर पुत्र ने दी मुखाग्नि,बेटियों ने भी दिया मां को कंधा
पति के निधन के बाद रह रही थी बेटी डा० स्वास्ति सिंह के साथ
आजमगढ़ :हिन्दी के प्रसिद्ध कहानीकार मार्कंडेय सिंह की पत्नी विद्यावती सिंह का शनिवार देर रात 94 वर्ष की आयु में हृदयाघात से निधन हो गया। तमसा नदी के किनारे राजघाट पर रविवार दोपहर में उनका अंतिम संस्कार किया गया। वर्ष 2010 में मार्कंडेय सिंह के निधन के बाद से वह अपनी बेटी वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. स्वास्ति सिंह के शहर के हीरापट्टी स्थित आवास पर रह रही थीं। वह पिछले एक सप्ताह से बीमार थीं। परिवार वालों ने अस्वस्थ होने पर चार दिन पहले उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां शनिवार रात करीब दो बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी अंतिम यात्रा रविवार सुबह बेटी के आवास से शुरू हुई। तमसा नदी के किनारे राजघाट पर उनके पुत्र सौमित्र सिंह ने मां को मुखाग्नि दी। इससे पहले शवयात्रा शामिल में उनकी दोनों बेटी डॉ. स्वास्ति सिंह, प्रो. सस्या सिंह ने भी अपनी मां को कंधा दिया। उनके निधन की सूचना पर शहर के सहित्यकारोंऔर चिकित्सकों में शोक की लहर दौड़ गई। चर्चा होती रही की मार्कण्डेय जी का 2 डी मिण्टो रोड आवास लेखकों का बड़ा केन्द्र था। वहां लेखकों का जमघट होता रहता था। इन लेखकों के सादर-सत्कार की पूरी जिम्मेदारी विद्यावती जी अकेले निभाती थीं। नागार्जुन, राम विलास शर्मा, नामवर सिंह समेत कई लेखक वहाँ अक्सर रुकते थे। कई लेखकों ने अपने संस्मरणों में विद्यावती जी के आवभगत और व्यवहार कुशलता का जिक्र किया है। विद्यावती जी ने एक अनुशासित जीवन जिया। रचना जगत व सांस्कृतिक क्षेत्र की कई पीढ़ियों को उनका ममत्व पाने का सौभाग्य मिला। उनके जाने से साहित्य, संस्कृति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। उनके निधन पर डॉ. एके मिश्र, डॉ. किशोर सिंह, डॉ. एके सिंह, डॉ. सीके त्यागी, डॉ. भक्तवस्तल, डॉ. सुभाष सिंह, डॉ. एसपी सिंह, डॉ. प्रशांत सिंह, डॉ. शिशिर जायसवाल, डॉ. अनूप सिंह यादव, डॉ. गायत्री, डॉ. निर्मल श्रीवास्वत, डॉ. डीपी राय, गोल्डी, अमर, अशोक सिंह, अरविंद सिंह, संजय श्रीवास्तव समेत शहर के कई गणमान्य लोगों ने शोक जताया है।
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