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आजमगढ़: जी डी ग्लोबल स्कूल में दो दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता आयोजित हुई



बालक‌ वर्ग में नेप्चून हाउस और बालिका वर्ग में यूरेनस हाउस ने जीता खिताब

आजमगढ़: आज दिनांक 31अगस्त दिन‌ शनिवार को करतालपुर स्थित जी डी ग्लोबल स्कूल में सदन‌ स्तरीय दो दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कबड्डी प्रतियोगिता का प्रारंभ विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल,प्रबंधक‌ श्री गौरव अग्रवाल, कार्यकारी निदेशक श्री श्रीश अग्रवाल, उपप्रधानाचार्या श्रीमती मधु पाठक तथा कोआर्डिनेटर श्रीमती सुमन यादव‌ ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। दो दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता के प्रथम दिन बालक वर्ग में पहला मैच नेप्च्यून हाउस और मार्स हाउस के मध्य , द्वितीय मैच वीनस हाउस और यूरेनस हाउस के मध्य हुआ। जिसमें फाइनल मैच में यूरेनस हाउस और नेप्चून हाउस ने अपनी उपस्थिति दर्ज‌ करायी। बालिका वर्ग में प्रथम मैच नेप्च्यून हाउस और वीनस हाउस के मध्य‌ तथा द्वितीय मैच यूरेनस तथा मार्स हाउस के मध्य हुआ। बालिका वर्ग में फ़ाइनल मैच में यूरेनस और वीनस हाउस ने‌ फाइनल में पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। दूसरे दिन फाइनल मैंच में‌ बालक‌ वर्ग में नेप्चून हाउस ने यूरेनस हाउस को 2अंक से पराजित करके विजय का खिताब हासिल किया। तथा बालिका वर्ग में यूरेनस हाउस ने वीनस हाउस को 15अंक से करारी मात देते हुए विजय का परिचय लहराया।
कार्यक्रम‌ के अंत में विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल ने‌ विजयी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि कबड्डी का‌ खेल खिलाड़ियों में नेतृत्व क्षमता,एकता और भाईचारे की भावना जागृत करता है। विद्यालय के प्रबंधक श्री गौरव‌ अग्रवाल ने कहा कि यह खेल 20वीं सदी में एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में लोकप्रिय हुआ। यह बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है। क्रिकेट के बाद यह भारत में दूसरा सबसे लोकप्रिय और देखा जाने वाला खेल है। विद्यालय के कार्यकारी निदेशक श्री श्रीश अग्रवाल ने इस‌ खेल की महत्ता पर प्रकाश‌ डालते हुए‌कहा कि कबड्डी भारतीय खेल संस्कृति का प्रतीक बन गया है और इसने शारीरिक फिटनेस, टीम भावना और खेल भावना को बढ़ावा दिया है।यह ऐसा खेल है जिसमें बहुत अधिक शारीरिक प्रयास और ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए इस खेल को खेलने से बच्चों को फिट और स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।विद्यालय की उपप्रधानाचार्या श्रीमती मधु पाठक ने बताया कि कबड्डी खेल न केवल शारीरिक बल्कि सांस रोकने और हरकत से धीरज और बचाव के बारे में भी सीख देने का भी खेल है। इसके अलावा, कबड्डी खेलने से उनका ध्यान बेहतर होता है और बच्चे छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान देते हैं। यह
टीम वर्क कौशल विकसित करने में सक्षम साथ ही डर पर काबू पाने, आत्मविश्वास बढ़ाने और एक खिलाड़ी की भावना विकसित करने की भावना से ओत-प्रोत करने‌ वाला खेल है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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