शहर से सटे ग्राम मनचोभा निवासी शाहिद बद्र का सिमी के संस्थापकों में था नाम
सुप्रीम कोर्ट तक प्रतिबंध के खिलाफ लड़ रहे थे कानूनी लड़ाई
आजमगढ़ : देश विरोधी गतिविधियों के लिए देश में प्रतिबंधित संगठन सिमी के अंतिम राष्ट्रीय अध्यक्ष हकीम शाहिद बद्र फलाही का शनिवार को शहर के लाइफ लाइन अस्पताल में निधन हो गया। भाजपा शासनकाल में देश की खुफिया एजेंसियों की संस्तुति पर विगत 21 सितंबर 2001 में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में सक्रिय रहे इस्लामिक छात्र संगठन सिमी को प्रतिबंधित कर दिया गया था। उस दौरान संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आजमगढ़ शहर से सटे ग्राम मनचोभा निवासी शाहिद बद्र फलाही की गिरफ्तारी भी की गई थी। तब से बाद की सरकारों ने भी सिमी पर लगा प्रतिबंध जारी रखा जो आज भी है। शाहिद बद्र पिछले दो दशकों से सिमी पर प्रतिबंध के खिलाफ अदालतों में मुकदमें लड़ते रहे। इसके पूर्व पांच सितंबर 2019 में गुजरात के कच्छ जिला न्यायालय में विचाराधीन एक मुकदमे में गैर जमानती वारंट जारी होने पर जिले में आई गुजरात पुलिस शाहिद बद्र फलाही को गिरफ्तार कर ली थी। लेकिन जमानत मिलने पर शाहिद बद्र कच्छ के न्यायालय में स्वयं उपस्थित हो गए। वर्तमान में भी शाहिद बद्र फलाही सिमी संगठन पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे थे। कभी कांग्रेस को भाजपा की नानी बताकर देश की सियासत में भूचाल ला दिया था। वर्तमान समय में वह शहर क्षेत्र में यूनानी क्लिनिक का संचालन कर रहे थे। पिछले कुछ दिनों से वह अस्वस्थ चल था उपचार के दौरान आज दिन में उनका निधन हो गया। देर रात गांव के कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कर दिया गया।
Blogger Comment
Facebook Comment