माँ के त्याग की गहराई को मापना किसी के लिए भी संभव नहीं - स्वाति अग्रवाल
माताओं ने रैंप वॉक के साथ विभिन्न खेलों का आनंद लिया
आजमगढ़: दिनांक 10 मई 2024 दिन शुक्रवार को करतालपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल में मातृ दिवस कार्यक्रम बड़ी भव्यता के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल, प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका सारस्वत पाण्डेय ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन किया। दीप प्रज्वलन के पश्चात बच्चों ने अतिथियों के स्वागत में स्वागत गीत प्रस्तुत किया। उसके पश्चात कक्षा 1 के नन्हें-मुन्हें बच्चों ने आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया । विद्यालय के चारों सदन के छात्र-छात्राओं ने क्रमशः "राम आएंगे, मीठे रस, है कथा संग्राम की, ओ पालनहारे..... पर मनमोहक गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में आयी हुई सभी माताओं ने रैंप वॉक का भी आनंद लिया। कक्षा 2 के नौनिहालों ने कार्यक्रम में चार चांद लगाने वाला मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रतिभाग की हुई माताओं ने म्यूजिकल चेयर, फन गेम्स, लकी ड्रा आदि जैसे विभिन्न खेलों का लुत्फ़ भी उठाया। नेप्च्यून हाउस की छात्राओं भाविका, यशी और वीनस हाउस की छात्राओं आरवी, साक्षी तथा मार्स हाउस की छात्राओं अनुष्का, श्रेया एवं यूरेनस हाउस की छात्राओं राजवर्धन, अनिकेत ने एकल गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम को जीवंत बनाया। विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभाग की हुई विजयी माताओं को विद्यालय की निदेशिका एवं प्रधानाचार्या ने पुरस्कृत भी किया। विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल ने मातृशक्ति की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि माँ के त्याग की गहराई को मापना किसी के लिए भी संभव नहीं है और न ही हम अपनी माँ के अमूल्य उपकारों और प्यार का बदला चुका सकते हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी माताओं की देखभाल करें और उनका सम्मान करें और उनसे प्यार करें। विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका सारस्वत पाण्डेय ने मातृदिवस की प्रासंगिकता का उल्लेख करते हुए कहा कि मातृ दिवस दुनिया भर में माताओं और मातृ विभूतियों के सम्मान और सराहना के लिए मनाया जाने वाला एक विशेष दिन है। यह दिन सभी माताओं के सम्मान के लिए समर्पित होता है। माँ त्याग और समर्पण की प्रतिमूर्ति होती है। विद्यालय की उपप्रधानाचार्या श्रीमती मधु पाठक ने सभी माताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यहां मौजूद सभी माताओं को, मैं प्रणाम करती हूं! हम सभी आपका सम्मान करते हैं और हमारे प्यार, प्रेरणा और मार्गदर्शन का निरंतर स्रोत बने रहने के लिए हम आपका धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हैं।
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