अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 7 का फैसला, प्रत्येक पर अर्थदंड भी लगा
आजमगढ़ : हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने दो को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को साढ़े 21 हजार रुपये की अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 7 रमेश चंद्र ने मंगलवार को सुनाया। बबलू खान निवासी सीधा सुल्तानपुर थाना निजामाबाद की अपने बड़े भाई बरकत तथा लुकमान से पट्टीदारी की रंजिश चल रही थी। इसी रंजिश के कारण 19 मार्च 2018 की सुबह आठ बजे लुकमान, बरकत तथा खालिद मास्टर लाठी तथा धारदार हथियार ले कर बबलू खां को बुरी तरह से मारे-पीटे। बबलू की पत्नी जूही बानो को भी हमलावरों ने नहीं छोड़ा। घातक चोटों की वजह से बबलू खां की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद लुकमान तथा खालिद मास्टर के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता गोपाल पांडेय ने वादिनी मुकदमा जूही बानो, शहबाजअहमद, हेड कांस्टेबल अरविंद यादव, अबुल बैश,डॉक्टर सुभाष सिंह, इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार वर्मा तथा चंद्र भास्कर द्विवेदी को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी खालिद मास्टर तथा लुकमान को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को 21500-21500 अर्थदंड की सजा सुनाई।
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