सुपरस्पेशिलिस्ट बाल रोग विशषज्ञ डॉक्टरों ने शिविर में 200 से अधिक बच्चो का किया निःशुल्क इलाज
आजमगढ़: शुक्रवार को मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ से आये डॉक्टरों ने रेनबो चिल्ड्न हॉस्पिटल में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाया। जिसमे जिले व आस पास के इलाके से आये 200 से अधिक बच्चो का चिकित्सीय परीक्षण कर अभिभावकों को परामर्श दिया गया व जाँच की गई। शिविर दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल के तत्वाधान में लगाया गया। स्वास्थ्य शिविर के उपरांत शहर के एक होटल में संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मेदांता से आये वरिष्ठ बाल चिकित्सकों ने बच्चों की बीमारी में आई आधुनिक तकनीक व उपचार के विषय में चर्चा की, इस संगोष्ठी में जिले के 50 से अधिक बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भाग लिया। स्वास्थ्य गोष्ठी में बाल कैंसर व रक्त रोग विशेषज्ञ डॉ. अंशुल गुप्ता ने बचाव व इलाज की जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों में खून की कमी होने पर बच्चों में जो लक्षण दिखतें हैं उनमें से सिरदर्द, सांस फूलना, आंखों का पीला, चिड़चिड़ापन, जीभ, चक्कर आना आदि प्रमुख हैं. रक्त संबंधी विकार, हल्के से लेना जानलेवा तक हो सकते हैं। ब्लड डिसऑर्डर से जुड़ी किसी भी समस्या में तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए। बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रोली श्रीवास्तव ने बताया जन्मजात दिल के दोष उम्र के हिसाब से अलग होते हैं। शिशुओं में मुश्किल या तेज़ी से सांस लेना, अच्छे से स्तनपान न करना, पसीना आना या स्तनपान करते समय सांस चढ़ना, होंठ या त्वचा का नीला पड़ना (सायनोसिस) या वज़न न बढ़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कम उम्र से ही दौड़ने, साइकिल चलाने, खेलने से मजबूत दिल की नीव पड़ती है। ये एक्सरसाइज दिल को पंप करती हैं। बच्चों को हर दिन दौड़ने, कूदने और खेलने के बहुत सारे मौके मिलने चाहिए। 6 से 17 साल के बच्चों को हर दिन कम से कम 1 घंटा शारीरिक गतिविधि जरूर करनी चाहिए। मेदांता से आयी बाल मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋचा तिवारी ने बच्चों में मिर्गी रोग पर चर्चा में बताया कि मिर्गी के लक्षण बेहोश होना, बोलने में समस्या होना, भावनाओं में बदलाव, तनाव, बात को समझने में परेशानी, बच्चों का एक टक एक ही जगह पर देखना, सांस लेने में परेशानी, मांसपेशियों में दर्द इत्यादि हैं. मिर्गी का यदि सही तरीके से देखभाल और इलाज किया जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है। इस अवसर पर जिले के वरिष्ठ डॉ. दीपक पांडेय ने मेदांता से डॉक्टरों को धन्यवाद दिया व भविष्य में भी इस प्रकार के निःशुल्क कैंप व संगोष्ठी करने का अनुरोध किया।
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