काफी दिनों से अस्वस्थ थे, प्रयागराज में पौत्र के आवास पर ली अंतिम सांस
आजमगढ़: जनपद के मूर्धन्य और वरिष्ठ साहित्यकार डा. कन्हैया सिंह का प्रयागराज में उनके पौत्र इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के सहायक आचार्य विनम्रसेन सिंह के आवास पर शुक्रवार शाम लगभग पांच बजे निधन हो गया। उनके भतीजे डा. पंकज सिंह ने बताया कि 89 वर्षीय डा. कन्हैया सिंह कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। डा. सिंह को अपनी रचनाओं और कृतियों के लिए देश-विदेश से विविध पुरस्कार प्राप्त हुए थे। पाठ और पाठालोचन के लिए वह राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित हुए थे। वो अखिल भारतीय साहित्य परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष के साथ ही उत्तर प्रदेश भाषा संसथान के अध्यक्ष और विभिन्न संस्थाओं के सदस्य रहे। नगर के डीएीपीजी कालेज के हिंदी विाग के अध्यक्ष पद पर सेवानिवृत्त होने के पहले टीडी कलेज जौनुर मे अध्यापक होने के सथ ही भटवली डिग्री कलेज के प्राचार्य भी रहे। वह नगर पलिका परिषद आजमगढ़ के चैयरमैन पद को भी सुशोभित कर चके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल मे अपने आवास पर उनकी आत्मकथा ' काली मिट्टी पर पारे की रेखा' का लोकार्पण किया था। इमरजेंसी के समय वह 19 महीने जेल में भी रहे और देश के बड़े नेतओं के संपर्क में भी रही। उनके निधन से साहित्य, शिक्षा और राजनीतिक दलं के लोगों में शोक व्याप्त है।
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