फाइल चित्र |
फूलपुर व अहरौला क्षेत्र में जहरीली शराब कांड के मुकदमे में हुई वीसी से पेशी
जिले में सपा विधायक के खिलाफ दस मुकदमे हैं विचाराधीन
आजमगढ़: जिले फूलपुर और अहरौला थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से हुईं मौतों के दो अलग-अलग मुकदमों में पुलिस की ओर से बनाए गए तीन गवाह सोमवार को कोर्ट में अपने बयान से पलट गए। उन्होंने पुलिस को दिए गए बयान से इनकार कर दिया।
माहुल कस्बे में 21 फरवरी 2022 को जहरीली शराब पीने के कारण सात लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 45 से अधिक लोग बीमार पड़ गए थे। पुलिस ने माहुल कस्बा स्थित देसी शराब की दुकान के ठेकेदार रंगेश यादव समेत दर्जन भर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। सात महीने बाद पुलिस ने इस मामले में रमाकांत को साजिश रचने का आरोपी बनाया था। इसी तरह फूलपुर के दक्खिनगावां निवासी रामप्रीत की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी। इसमें भी पुलिस ने रमाकांत को साजिश का आरोपी बनाया था। पुलिस ने दोनों मुकदमों में विवेचना पूरी करने के बाद चार्जशीट न्यायालय भेज दी थी। सोमवार को फतेहगढ़ जेल में बंद रमाकांत को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की तरफ से अहरौला थाना क्षेत्र में हुई घटना के मुकदमे में दो गवाह कोर्ट में पेश किए गए। कोर्ट में दोनों पुलिस को दिए गए बयान से मुकर गए। इसी तरह फूलपुर की घटना में भी एक गवाह अपने बयान से मुकर गया। गवाहों को मुकरते देख सहायक शासकीय अधिवक्ता ने जिरह की। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख बीस अक्तूबर निर्धारित की है। गौरतलब है कि विधायक रमाकांत यादव के खिलाफ जनपद में कुल दस मुकदमे विचाराधीन हैं। एमपी-एमएलए सत्र न्यायालय में वर्ष 2022 में हुए जहरीली शराब कांड से जुड़े तीन मुकदमे तथा वर्ष 1998 में लोकसभा चुनाव के समय फूलपुर थाना क्षेत्र के अंबारी चौक पर हुए कातिलाना हमले का एक मुकदमा विचाराधीन है। इसके अलावा एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में कुल 6 मुकदमे विचाराधीन हैं।शेष मुकदमे आचार संहिता के उल्लंघन तथा चक्काजाम आदि से जुड़े हैं। सभी मुकदमों में गवाही की प्रक्रिया चल रही है।
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