कलेक्ट्रेट में चक्रमण के बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रशासन को सौंपा
आजमगढ़: कॉपरेटिव (2023) बिल निरस्त किए जाने सहित छह सूत्री मांगो को लेकर मंगलवार को अखिल भारतीय किसान सभा ने जुलूस निकाला। कलेक्ट्रेट का चक्रमण करने के बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। चेतावनी दी कि यदि मांगों पर सरकार कोई ठोस निर्णय नही लेती है तो संगठन बड़े आंदोलन के लिए तैयार है। अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष इम्तेयाज बेग ने कहा कि भाजपा की सरकार आम जनता सहित किसानों को धोखा दे रही है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय किसान सभा के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन के अन्तर्गत आज यह प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौपां गया है। उन्होंने ज्ञापन के संबंध में बताया कि सरकार कॉपरेटिव (2023) बिल को निरस्त करें, किसानां, मजदूरों तथा ग्रामीण दस्तकारों को प्रतिमाह 10 हजार रूपया पेंशन दे, बिजली बिल-2022 वापस करे तथा कृषि हेतु किसानों को सस्ते रेट पर बिजली दिया जाय। इसके अलावा एमएसपी की गारंटी दिया जाय, बेतहाशा मंहगाई पर रोक लगायी जाय और गन्ने का मूल्य 450 रूपये प्रति कुन्तल घोषित किया जाय। उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो संगठन वृहद आंदोलन के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि 11 अक्टूबर को इको लखनऊ में होने वाले आंदोलन में किसान सभा के पदाधिकारी और सदस्य भारी में कूच करने के लिए तैयार है। किसान सभा सह/सचिव जीयालाल ने किसानों मजदूरों व दस्तकारों को बुढ़ापे का पेंशन 10 हजार किए जाने की मांग किया। उन्होंने आगे कहाकि किसानों के जीवन को बेहतर करने का वादा करने वाली केंद्र सरकार आज पूजीपतियों का विकास कर रही है और किसानों को गर्त में ढकेल रही है। किसान सभा के जिलाध्यक्ष त्रिलोकी नाथ ने कहाकि किसान सभा किसानों की आवाज को उठाने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रही है लेकिन सरकार की हठधर्मिता के चलते आज तक समस्याओं का निदान नहीं हो सका। ऐसे सरकार को 2024 में उखाड़ फेंका जाएगा। प्रदर्शन के दौरान जिला मंत्री गुलाब मौर्य, शिवमूरत चौहान, रामनेत यादव, सहित खरपत्तू राजभर, राजेन्द्र, अविनाश, रविन्द्र नाथ आदि मौजूद रहे।
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