पुनः योग्य मानकर पीआरटी में शामिल करने की उठाई मांग
डीएम के माध्यम से पीएम व एनसीटीई अध्यक्ष को भेजा ज्ञापन
आजमगढ़: बीएड छात्र संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में बुधवार को रिक्शा स्टैण्ड पर धरना प्रदर्शन और जुलूस का आयोजन किया गया। जिसमे सैकड़ो बीएड अभ्यर्थीगण शान्तिपूर्ण-लोकतान्त्रिक तरीके से अपनी मांगो को जोरदार ढंग से उठाया। छात्रों ने रिक्शा स्टैण्ड से जुलूस निकलकर अग्रसेन चौराहा, कुंवर सिंह उद्यान, गाँधी तिराहा होते हुए रैदोपुर भगत सिंह प्रतिमा से निकलकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर प्रशासन के माध्यम से पीएम व एनसीटीई अध्यक्ष ज्ञापन भेजा। उन्होंने एनसीटीई में नया संवैधानिक गैजेट संसोधन का अध्यादेश लाकर देश के करोड़ो बीएड छात्रों को पीआरटी में पुनः योग्य मानकर शामिल किए जाने की मांग की। छात्रो का आरोप है हमने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा 28 जून 2018 को जारी हुए भारत के राजपत्र अनुसार ही बीएड डिग्री हासिल कर रहे है। उक्त राजपत्र में साफ शब्दों में कहा गया था कि 2 वर्षीय बीएड डिग्रीधारक प्राथमिक शिक्षक के लिए योग्य होंगे। राजपत्र को देखकर ही छात्रों ने दो वर्ष लगाकर बीएड पूरा किया। लाखांे रुपये फीस भरा, यूपीटीईटी व सीटीईटी उत्तीर्ण कर शिक्षक बनने की सभी अर्हताओं को पूरा कर लिया है। अब हम शिक्षक बनने के बजाय अयोग्य घोषित क्यों किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरा सम्मान करते हैं। 11 अगस्त को आए निर्णय से ही हम जान पाए कि एनसीटीई ने हमलोगों के साथ खिलवाड़ किया है, इसीलिए हमारे सवाल सिर्फ एनसीटीई व भारत सरकार से है कि देश के करोड़ों छात्र जिन्होंने गैजेट पर भरोसा कर बीएड किया है और वर्तमान समय में कर रहे हैं, तो आाखिर उनका गुनाह क्या है।
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