देश से जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति का अंत हुआ- डा० संजय निषाद
मछुआ कल्याण कोष से मछुआ समाज को मिलेगा सीधा लाभ- कैबिनेट मंत्री
आजमगढ़ 02 जून-- कैबिनेट मंत्री (मत्स्य विभाग) डॉ0 संजय कुमार निषाद , आज जनपद आज़मगढ़ के दौरे के दौरान राहुल सांकृत्यायन प्रेक्षागृह में आयोजित मत्स्य पालको की बैठक से पूर्व पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार के 9 वर्ष सेवा सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित रहे है। मोदी ही एक मात्र ऐसे प्रधानमंत्री है, जिन्होंने अपने कार्यों का हिसाब जनता के सामने प्रस्तुत किया। मोदी सरकार की लक्षित नीतियों और अंतिम व्यक्तियों तक पहुंच के कारण ही योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत सभी को मिल रहा है। यही मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मोदी सरकार ने आधुनिक टेक्नोलॉजी, विजन और कार्यक्षमता के आधार पर हर गरीब तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में विकास कार्य हुए हैं। बीते सालों में परिवारवाद, तुष्टिकरण की राजनीति खत्म हुई है। मत्स्य पालको को संबोधित करते हुए निषाद ने कहा कि पोर्टल पर प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, निषादराज बोट सब्सिडी योजना, सामूहिक दुर्घटना बीमा योजना तथा मत्स्य पालक कल्याण कोष योजना के अन्तर्गत विभिन्न परियोजाओं हेतु आनलाईन आवेदन विभागीय वेबसाइट प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत निजी भूमि पर तालाब निर्माण, मत्स्य बीज हैचरी निर्माण, बायोफ्लाक पाॅण्ड, रियरिंग तालाब निर्माण, रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम, इन्सुलेटेड व्हीकल्स, मोटर साइकिल विद आइसबाॅक्स, थ्री-व्हीलर विद आइसबाॅक्स, साइकिल विद आइसबाॅक्स, जिन्दा मछली विक्रय केन्द्र, मत्स्य आहार प्लान्ट, मत्स्य आहार मिल, केज संवर्धन, पेन संवर्धन, सजावटी मछली रियरिंग यूनिट, कियोस्क निर्माण, शीतगृह निर्माण, मनोरंजन मात्स्यिकी, डाइग्नोस्टिक मोबाईल लैब, मत्स्य सेवा केन्द्र एवं सामूहिक दुर्घटना बीमा सहित कुल 30 योजनाओं हेतु आनलाइन आवेदन दिनांक 30 मई 2023 से दिनांक 15 जून 2023 तक आमंत्रित किए जाएंगे। उत्तर प्रदेष मत्स्य पालक कल्याण कोष योजना में वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू0 25.00 करोड़ का बजट प्रावधान कराया गया है। योजना के अन्तर्गत सामुदायिक भवन निर्माण, मछुआ आवास निर्माण, दैवीय आपदा में चिकित्सा सहायता, प्रशिक्षण एवं महिला सशक्तिकरण सशक्तिकरण के माध्यम से मत्स्य पालकों एवं मछुआरों को लाभान्वित किया जाएगा। श्री निषाद जी ने बताया कि प्रदेश सरकार 2023-24 वित्त वर्ष में सभी मछुआरों को मत्स्य पालक कल्याण कोष से निम्न मदों में सहायता प्रदान की जा रही है। जिसमे मत्स्य पालक/मछुआरा बाहुल्य ग्रामों में अवसंरचनात्मक (बारात घर) सुविधाओं की स्थापना, जिसमें सामुदायिक भवन का निर्माण भी सम्मिलित है। दैवीय आपदाओं से हुई किसी क्षति की स्थिति में मत्स्य पालक/मछुआरा परिवार को वित्तीय सहायता का उपबंध कराना। वैवाहिक सहायता। शिक्षा हेतु सहायता (कोचिंग, कौशल उन्नयन, छात्रवृत्ति आदि)। चिकित्सा सहायता। वृृद्धावस्था सहायता। केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा निर्धारित क्षेत्रफल एवं धनराशि के अनुसार एकल आवास सहित मछुआ आवास निर्माण सहायता की भी अनुज्ञा प्रदान की जायेगी। उच्च तकनीकी ज्ञान प्रदान करने, अन्तर्राज्यीय भ्रमण, दक्षता विकास प्रदर्शनी और सेमिनारों के लिए मत्स्य पालकों/मछुआरों के प्रशिक्षण/भ्रमण पर कुल कोष का दो प्रतिशत तक व्यय। मत्स्य पालक/मछुआ परिवारों की महिलाओं को सशक्त करना। मछली पकड़ने के जाल/उपकरणों की सुविधा की व्यवस्था करना और मछली विक्रय हेतु मोपेड आइस बाक्स आदि उपलब्ध कराना। मत्स्य सम्बन्धी अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक बैंक ऋण/मत्स्य पालक क्रेडिट कार्ड हेतु ब्याज पर आर्थिक सहायता। आर्थिक सहायता की दरें उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के विनिश्चय के अनुसार होगी। जल जीव पालन सम्बन्धी गतिविधियों हेतु विद्युत पर राज्य-सहायता। डा० निषाद ने बताया कि प्रदेश का मछुआ समाज ही नही देश का मछुआ समाज आगामी लोकसभा चुनावों में विकास के साथ चलेगा।
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