शहर से राशिद, मुबारकपुर से अंजर व निजामाबाद से वकार आए थे लपेटे में
आजमगढ़ : जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से एटीएस लखनऊ द्वारा शनिवार को उठाए गए पापुलर फ्रंट आफ इंडिया के संदिग्ध तीन एजेंटों को पूछताछ के बाद स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया गया। सभी को एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सशर्त जमानत पर रिहा हुए। उनको हर सप्ताह में हाजिरी लगानी पड़ेगी। एटीएस करीब एक सप्ताह पहले भी आई थी। इन तीनों के साथ उसने करीब आधा दर्जन लोगों से पूछताछ की थी। हालांकि किसी को तब उठाया नहीं था। मुबारकपुर थाना क्षेत्र के अमिलो चकिया गांव निवासी उठाया गया दिव्यांग मोहम्मद अंजर व निजामाबाद के सुराई गांव का वकार अहमद पूछताछ के बाद स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया, जहां से एसडीएम कोर्ट में पेश करने के बाद मुचलके पर दोनों को छोड़ दिया गया, जबकि तीसरा राशिद पहाड़पुर से के बारे में पता चला है कि उसे भी देर रात कोतवाली पुलिस को सौंप दिया गया था जहां से वह चेतावनी के साथ छोड़ा गया । संदिग्धों में अमिलो चकिया का मोहम्मद अंजर गांव के ही एक इलेक्ट्रिक की दुकान पर काम करता है। चर्चा है कि 2016 में उसके यहां एक जलसे में बाहर के भी कुछ लोग आए थे। आशंका जताई जा रही कि मामला उसी से जुड़ा हाे सकता है, क्योंकि उसके नाम के सिम का उपयोग हो रहा था। एक सप्ताह पहले भी उससे एटीएस ने पूछताछ की थी। वहीं निजामाबाद थाना क्षेत्र के सुराई गांव से शनिवार को एटीएस द्वारा उठाए गए पापुलर फ्रंट आफ इंडिया के संदिग्ध एजेंट वकार अहमद को पूछताछ के बाद रविवार को निजामाबाद पुलिस के हवाले कर दिया गया। इसी तरह शहर से उठाए गए राशिद को इसके बाद उसे एसडीएम न्यायालय में पेश किया गया, जहां दो-दो लाख के दो जमानतदार और खुद के दो लाख के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। एसडीएम कोर्ट में वकार को हर सप्ताह हाजिरी लगानी होगी। वकार अहमद लखनऊ के किसी मदरसे में हाफिजा की पढ़ाई कर रहा था।
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