ग्रामीण न्यायालय का फैसला न्यायपालिका,अधिवक्ता, वादकारी और कर्मचारी सबके लिए अहितकर है -प्रभाकर सिंह
आजमगढ़: जिले में बड़ी संख्या में पूर्वांचल के अधिवक्ताओं ने अधिवक्ता महापंचायत का आयोजन किया। जिले में होने वाली इस अधिवक्ता महापंचायत में मऊ, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, जौनपुर के बड़ी संख्या में अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष पदाधिकारियों ने सहभागिता कर कंधे से कंधा मिलाकर इस लड़ाई को लड़ने की बात कही। आजमगढ़ जिले में एक सप्ताह से लगातार जिले के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहकर विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही लगातार शासन और प्रशासन को पत्र भी लिखा जा रहा है जिससे ग्रामीण न्यायालय के फैंसले को वापस लिया जा सके। आजमगढ़ दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह का कहना है कि प्रदेश के कई जिलों से आए अधिवक्ताओं के विचारों को हम लोगों ने सुना। पूरे प्रदेश का अधिवक्ता फौलादी इरादे के साथ काला कानून और ग्रामीण अदालत के विरोध में एकजुट हैं। सरकार इसे वापस ले। यह फैसला न्यायपालिका अधिवक्ता, वादकारी और कर्मचारी सबके लिए अहितकर है। न्याय की शुचिता पवित्रता बचाए रखने का काम अधिवक्ताओं पर है और यही कारण है कि हम लोग इस लड़ाई को लड़ भी रहे हैं। उसी क्रम में यह पंचायत आयोजित की गई। लगातार लोगों के प्रयास और सुझाव आए । अगला कदम क्या होगा के सवाल पर अध्यक्ष प्रभाकर सिंह का कहना है कि जो भी नियम कानून नियम कानून प्रभावी और जनता हित अधिवक्ता हित और न्यायहित में नहीं हैं उन्हें वापस लेना ही हितकर है। प्रदेश के कई जिलों में हड़ताल चल रही है और कुछ जिलों में तो तालाबंदी भी हो रही है। प्रत्येक दिन हम लोग मीटिंग करके आगे की रणनीति तय करते हैं। इसके साथ ही लालगंज में अधिवक्ताओं के ऊपर दर्ज मुकदमों को भी वापस लिए जाने की मांग की है। इस अवसर पर संघर्ष समित के राजेन्द्र सिंह, मंत्री जयप्रकाश यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप सिंह, दीपक मिश्र सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे।
Blogger Comment
Facebook Comment