विद्यालय किताबी शिक्षा के साथ व्यवहारिक शिक्षा के प्रति भी समर्पित है - प्रो. प्रभुनाथ सिंह ‘मयंक‘
आजमगढ़: जहानागंज क्षेत्र के धनहुंआ स्थित एस.के.डी. विद्या मन्दिर में शुक्रवार को वार्षिक परीक्षाफल व पुरस्कार वितरण समारोह काफी धूम-धाम से संपन्न हुआ। इस अवसर पर उपस्थित क्षेत्रीय गणमान्य लोगों एवं अभिभावकों ने काफी गर्मजोशी से मेधावी छात्र/छात्राओं का हौसला बुलन्द किया। कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण से हुई। इसके पश्चात मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जाने माने साहित्यकार, शिक्षाविद् एवं ज्योतिषाचार्य प्रो. प्रभुनाथ सिंह ‘मयंक‘ द्वारा परीक्षाफल एवं मेधावियों को पुरस्कृत करने का जो कार्यक्रम चला वह काफी देर तक चलता रहा। छात्र/छात्राओं की हौसला अफजाई में लोगों की करतल ध्वनि से पुरा वातावरण गुंज रहा था। शैक्षणिक रिकार्ड के साथ-साथ आचरण, उपस्थिति आदि मानक के आधार पर भी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। अपने उद्बोधन में प्रो. श्री मंयक जी ने कहा कि एसकेडी विद्या मन्दिर में शिक्षा का जो माहौल बना हुआ है उससे प्राचीन गुरूकुल परम्परा को स्मरण किया जा सकता है। विद्यालय किताबी शिक्षा के साथ साथ व्यवहारिक शिक्षा के प्रति भी समर्पित है। यहां छात्रों को एक ओर जहां ऋषि मुनियों की उस परम्परा से अवगत कराया जाता है जो जंगल में कुटी बनाकर रहते हुए भी दूरबीन बनाते थे, वहीं आज की कृतिम बुद्धिमत्ता वाली एआई टेक्नालॉजी से भी इन्हें परिचित कराया जाता है। टापर लिस्ट में कक्षा 11 से अनुराधा यादव और कशिश जायसवाल, कक्षा 9 में श्रृति सिंह एवं अंश कुमार, 8 से मिथिलेष यादव, प्रगति चौधरी, 7 से आकाश गुप्ता दिव्यांश सिंह, 6 से हिमांशू यादव, अंशिका सिंह, 5 से अनमोल यादव, एहतसाम कुरैशी, 4 से हर्श मौर्या, रिया मिश्रा, 3 से अंकिता वर्मा, 2 से जान्हवी राय, 1 से शौर्य पाण्डेय, यूकेजी से सौम्या, एलकेजी से कृतिका सिंह तथा नर्सरी में आयूश मौर्या प्रथम रहे। विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि विद्यालय शिक्षा से संबन्धित सभी अत्याधुनिक सुविधाओं को छात्रों तक पहुंचाने के लिए कृत संकल्पित है। तथा उन्होने विद्यालय में सबसे उत्तम विद्यार्थी के रूप में चयनित मिथिलेश यादव को साइकिल देकर उत्साह वर्धन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रधानाचार्य रामजी चौहान, श्रीकान्त सिंह, संतोष यादव, हौसला प्रसाद दूबे, दीपक सिंह, आशीष, सच्चिदानन्द, विनोद, एस.पी. रेनू, अंकिता, शीला, सुरभि, सुशीला आदि लोगों का योगदान सराहनीय रहा।
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