स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने हेतु नियमित रूप से निरीक्षण करें
आज़मगढ़ 27 मार्च -- मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने कहा है कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन के तहत जहॉं परियोजनायें पूर्ण होकर संचालित हो चुकी हैं वहॉं ग्रामीणों को कनेक्शन देने में तेजी लाई जाय। उन्होंने यह भी कहा कि कई पूर्ण परियोजनायें विद्युत कनेक्शन के अभाव में अभी तक संचालित नहीं हो सकी हैं, इन परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देकर शीघ्र संचालित कराने की कार्यवाही की जाय। उन्होने निर्देश दिया कि ग्रामीण पाइप्ड पेयजल योजना से आच्छादित ग्रामवासियों को कनेक्शन आवंटन की जॉंच भी कराई जाय। मण्डलायुक्त श्री चौहान ने सोमवार को अपने कार्यालय सभागार में शासन के शीर्ष विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए तीनों जनपद के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला चिकित्सालयों, सीएचसी, पीएचसी पर चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराये जाने हेतु नियमित रूप से निरीक्षण करायें तथा जो भी चिकित्सक अनुपस्थित पाये जायें उनके विरुद्ध अनिवार्य रूप से कार्यवाही कराई जाय। इसी क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि परिषदीय विद्यालयों में पठन पाठन की व्यवस्था सुदृढ़ रखने के उद्देश्य से अध्यापकों की उपस्थिति शिक्षा विभाग से इतर अन्य विभागों के अधिकारियों से चेक करायें तथा अनुपस्थित मिलने वाले अध्यापकों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि विद्यालयों की चेकिंग में जाने वाले अधिकारियों से छात्रों की उपस्थिति और उसके सापेक्ष बनने वाले मिड डे मील की भी जॉंच कराई जाय। मण्डलायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधूरे निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि मऊ में कई कार्य पूर्ण हो चुके हैं परन्तु अभी तक हैण्डओवर नहीं हुए हैं। उन्होंने अपर निदेशक, स्वास्थ्य को शीघ्र हैण्डओवर की कार्यवाही पूर्ण कराने हेतु निर्देशित किया। आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाये जाने की समीक्षा में पाया गया कि गत माह आज़मगढ़ में 45530, मऊ में 48251 एवं बलिया में 54660 गोल्डन कार्ड बनाये गये हैं, इस प्रकार गोल्डन कार्ड बनाने में अच्छी प्रगति पाई गयी। उन्होंने निर्देश दिया कि जनपदों में जो गोल्डन कार्ड बनना अवशेष रह गये हैं उसे भी शीघ्र बनाया जाय। बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि इस योजना के तहत आज़मगढ़ में कुल 31 परियोजनायें हैं, जिसमें 22 परियोजनायें संचालित हैं, 3 विद्युत कनेक्शन किया जाना बाकी है एवं 6 परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जनपद में मऊ में कुल 17 परियोजनाओं में 10 संचालित है, शेष 7 पर निर्माण कार्य चल रहा है। इसी प्रकार जनपद बलिया में कुल 46 परियोजनाओं के सापेक्ष 11 परियोजनायें संचालित हैं, 26 पर निर्माण कार्य चल रहा है, 4 परियोजनायें विद्युत संयोजन आदि की प्रक्रिया में है, जबकि 5 परियोजनायें अनारम्भ हैं। इसपर मण्डलायुक्त ने तीनों जनपद के मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि परियोजनायें पूर्ण हो चुकी हैं उसे चेक करायें।मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने बैठक में मण्डल के जनपदों में गेहॅूं खरीद की तैयारियों की भी समीक्षा किया। संभागीय खाद्य नियन्त्रक द्वारा अवगत कराया गया कि तीनों जनपदों में सभी क्रय केन्द्र स्थापित हो चुके हैं तथा कृषकों का पंजीयन जारी है, परन्तु सत्यापन कार्य धीमा है। इस पर मण्डलायुक्त ने तीनों जिलाधिकारियों से कहा कि कृषकों के सत्यापन में तेजी लाने हेतु अपने स्तर से कार्यवाही करायें। उन्होंने तीनों डीएम से कहा कि शहर की जिन सड़कों से वीआईपी एवं आमजन का आवागमन अधिक होता है, उन सड़कों की मरम्मत, लाइटिंग आदि के माध्यम से सुसज्जित करायें। इसके साथ ही उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी सड़कों को सुरक्षित बनाये जाने हेतु निर्देशित किया। बैठक में विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों से सम्बन्धित अन्य बिन्दुओं पर भी विस्तार से समीक्षा की गयी। इस अवसर पर जिलाधिकारी आज़मगढ़ विशाल भारद्वाज, जिलाधिकारी मऊ अरुण कुमार, जिलाधिकारी बलिया रविन्द्र कुमार, सीडीओ आज़मगढ़ श्रीप्रकाश गुप्ता, सीडीओ मऊ प्रशान्त नागर, सीडीओ बलिया प्रवीण वर्मा, अपर आयुक्त (प्रशासन) हंसराज, संयुक्त विकास आयुक्त एमएन पाण्डेय, वन संरक्षक डा. बीसी ब्रम्हा, संभागीय खाद्य नियन्त्रक राममूर्ति पाण्डेय, संयुक्त आयुक्त उद्योग रंजन चतुर्वेदी, मण्डलीय अर्थ एवं संख्याधिकारी डा. नीरज श्रीवास्तव सहित अन्य विभागों के मण्डलीय अधिकारी उपस्थित थे।
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