स्वास्थ्य विभाग से संबंधित निर्माण में गबन का है मामला
डीएम के आदेश के बाद हुई जांच में पाए गए दोषी
आजमगढ़: स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कुल 20 निर्माणाधीन परियोजनाओं की हुई जांच में बड़ा घोटाला सामने आने के बाद सीडीओ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया है। विभाग के जेई रामनयन प्रसाद ने बृहस्पतिवार को नगर कोतवाली में चार अधिशासी अभियंताओं के साथ सात अवर अभियंताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। बता दें कि कार्यदायी संस्था यूपीआरएनएसएस (पैकफेड) द्वारा स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कुल 20 परियोजनाओं का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माणाधीन परियोजनाओं में कई अनियमितताएं मिली है। निर्माण की गति भी काफी धीमी है। इसे लेकर कई बार चेतावनी भी दी गई लेकिन कार्यदायी संस्था ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच कराने के लिए सीडीओ को निर्देश दिए। सीडीओ आनंद कुमार शुक्ला ने मामले की जांच कराई। जांच में सामने आया कि आवंटित धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग संबंधित कार्यों पर न कर प्रथम दृष्टया शासकीय धन का गबन किया गया है। जांच के मुताबिक कुल 14 परियोजनाओं में किए गए कार्य की वास्तविक लागत से 53.16 लाख रुपये अधिक व्यय हुआ है। जिसमें संबंधित अधिकारी प्रथम दृष्टया दोषी मिले। मुख्य विकास अधिकारी ने मामले में दोषी मिले अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए निर्देश दिए थे। इस मामले में बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग के जेई रामनयन प्रसाद ने 11 लोगों के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करााया। जिसमें चार अधिशासी अभियंता और सात अवर अभियंता शामिल हैं। एफआईआर में अधिशासी अभियंता आजमगढ़ मनोज कुमार, अधिशासी अभियंता मऊ जेपीएन सिंह, अधिशासी अभियंता गोरखपुर प्रथम विनय सिंह और अधिशासी अभियंता कानपुर कमिश्नरेट राघवेंद्र द्विवेदी शामिल हैं। वहीं अवर अभियंताओं में सेवा निवृत्त योगेंद्र गिरी, वीरेंद्र कुमार यादव आजमगढ़, सेवानिवृत्त अमरजीत वर्मा, विवेक प्रताप सिंह गोरखपुर प्रथम, यादवेंद्र यादव अवर अभियंता पीडब्ल्यूडी आजमगढ़, राजेंद्र सिंह यादव अवर अभियंता मऊ और अनुबंधित अवर अभियंता विजय यादव शामिल हैं। नगर कोतवाल शशिचंद चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के जेई रामनयन प्रसाद ने 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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