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फाइल चित्र : इंटरनेट |
खालिसपुर गांव में आई मौत की खबर के बाद सभी दिखे खामोश
वर्ष 2010 में घर से हुई थी गिरफ्तारी और 2013 में सुनाई गई थी सजा
आजमगढ़ : बटला हाउस कांड के दोषी शहजाद को नौ साल पहले उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। बिलरियागंज थाना क्षेत्र के खालिसपुर गांव में मौत की खबर आने के बाद सभी खामोश दिखे। कारण कि उसका परिवार गांव छोड़ दिल्ली में ही रहने लगा था। बटला हाउस कांड के दो साल बाद एटीएस ने शहजाद को उसके घर से वर्ष 2010 में गिरफ्तार किया था और तीन चार वर्ष में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। शहजाद की तिहाड़ जेल में मौत की खबर सुनते ही खालिसपुर गांव के लाेग अवाक रह गए। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में रह रहे उसके चाचा के यहां फोन आया कि तिहाड़ जेल में बंद शहजाद की उपचार के दौरान मौत हो गई है। इसके बाद उनका परिवार भी दिल्ली रवाना हो गया। बताया जा रहा है की वह गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गया था और कोर्ट के आदेश पर दिल्ली में भर्ती कराया गया था। 19 सितंबर 2008 को दिल्ली के जामिया नगर स्थित बटला हाउस में एनकाउंटर में आइएम के दो सदस्य आतिफ अमीन व मुहम्मद साजिद मारे गए थे। इस कार्रवाई में स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे। आरोप था की शहजाद अहमद उर्फ पप्पू भी वहीं था और घटनाक्रम के दौरान फरार हो गया था। बाद में जिले से गिरफ्तार हुए शहजाद को मोहन चंद शर्मा की हत्या समेत अन्य अपराध में जुलाई 2013 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
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