कार्यदायी संस्थायें जाॅंच से सम्बन्धित अभिलेख तत्काल उपलब्ध करायें, अन्यथा कार्यवाही होगी: मण्डलायुक्त
आज़मगढ़ 30 जनवरी -- मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने मण्डल के जनपदों में 50 लाख एवं उससे अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान सभी कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिया है कि निर्माण कार्यों हेतु वर्तमान में मौसम अनुकूल है, इसलिए कार्यों में अपेक्षित तेजी लाकर परियोजनाओं को मानक व गुणवत्ता के साथ समय से पूरा कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने सोमवार को अपने कार्यालय सभागार में आयोजित उक्त समीक्षा बैठक में परियोजनाओं से सम्बन्धित प्रशासकीय विभागों के अधिकारियों को भी नियमित रूप से निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने हेतु निर्देशित किया। मण्डलायुक्त श्री चौहान ने कहा कि जिन परियोजनाओं हेतु धनराशि उपलब्ध हो गयी है उसमें माइल स्टोन जनरेट कर कार्यों में तेजी लाई जाये तथा सुनिश्चित किया जाय कि जो कार्य मार्च तक पूरा होना है वह नियत अवधि तक हर हालत में पूरा हो जाय, इसमें किसी प्रकार की बहानेबाजी नहीं सुनी जायेगी। समीक्षा के दौरान अवगत कराया गया कि सड़क निर्माण को छोड़कर मण्डल में 50 लाख एवं उससे अधिक लागत की कुल 352 परियोजनायें स्वीकृत हैं, जिसमें आज़मगढ़ की 131, मऊ की 62 एवं बलिया की 159 परियोजनायें सम्मिलित हैं। इन परियोजनाओं में आज़मगढ़ में 46, मऊ में 17 एवं बलिया में 38 कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा आज़मगढ़ में एक एवं बलिया में 23 कार्य अनारम्भ हैं। इसी प्रकार 50 लाख एवं उससे अधिक लागत की जनपद आज़मगढ़ में 42, मऊ में 22 एवं बलिया में 26 सड़कों का निर्माण कार्य कराया जाना है, जिसमें आज़मगढ़ में 11, मऊ में 6 एवं बलिया में 5 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, शेष सभी पर कार्य चल रहा है। मण्डलायुक्त मनीष चौहान द्वारा की जा रही निर्माणाधीन परियोजनाओं की कार्यदायी संस्थावार समीक्षा के दौरान उप्र राजकीय निर्माण निगम द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद आज़मगढ़ के देवगांव में निर्माणाधीन सीएचसी में ठेकेदार द्वारा दिक्कतें उत्पन्न की जा रही हैं, जिससे कार्य की प्रगति प्रभावित है। इसपर उन्होंने सम्बन्धित ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने के साथ ही अन्य आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया। इसी प्रकार पूर्व में मण्डलायुक्त द्वारा तहसील मार्टिनगंज के अनावासीय भवन की जाॅंच के सम्बन्ध मंे दिये गये निर्देश के क्रम में अधीक्षण अभियन्ता, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि बार बार पत्राचार आदि के उपरान्त भी उक्त निर्माण कार्य से सम्बन्धित कार्यदायी संस्था लैकफेड, गोरखपुर यूनिट द्वारा वांछित अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिससे जाॅंच की कार्यवाही बाधित है। मण्डलायुक्त श्री चौहान ने इस स्थिति पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि कार्यदायी संस्था को दो दिन के अन्दर अभिलेख उपलब्ध कराने हेतु अवगत करायें, यदि अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो एक तरफा जाॅंच कर कमियों को इंगित करते हुए सम्बन्धित अधिकारी के निलम्बन की संस्तुति प्रबन्ध निदेशक को प्रेषित कर दी जाये। इसी क्रम में उन्होंने सभी कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि जिन परियोजनाओं की जाॅंच का प्रकरण लम्बित है, उससे सम्बन्धित अभिलेख तत्काल जाॅंच अधिकारी को उपलब्ध करा दिया जाय। उन्होंने आगाह किया कि यदि किसी संस्था द्वारा अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो उनके विरुद्ध भी कार्यवाही हेतु शासन को संस्तुति भेज दी जायेगी। मण्डलायुक्त ने 50 करोड़ से अधिक लागत के निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्य अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, अटल आवासीय विद्यालय एवं जन नायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों का तत्काल स्थलीय निरीक्षण करें तथा फोटोग्राफ सहित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विकास निधि में जिन पुराने कार्यों हेतु धनराशि नहीं है उसमें तत्काल धनराशि मंगाकर कार्य पूर्ण करायें, तब नये कार्यों का प्रस्ताव करें। बैठक में अपर आयुक्त (प्रशासन) हंसराज, संयुक्त विकास आयुक्त ओपी आर्य, अपर निदेशक, स्वास्थ्य डा. ओपी तिवारी, मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग राधेश्याम शर्मा, मण्डलीय अर्थ एवं संख्याधिकारी डा. नीरज श्रीवास्तव, उप निदेशक समाज कल्याण आरके चौरसिया, उप निदेशक महिला कल्याण ओंकारनाथ यादव सहित अन्य सम्बन्धित विभागों तथा कार्यदायी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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