देव दीपावली पर दिखा मनोरम दृश्य,दीपदान कर तुलसी मां को विदाई दी गई
आजमगढ़ : भारतीय संस्कृति और परंपरा वाकई सबसे निराली है। खासतौर से कार्तिक माह को लें, तो हर दिन त्योहार। प्रारंभ तुलसी पूजा और आकाश दीप से होती है तो विदाई भी दीपदान से। देव दीपावली पर कुछ ऐसा ही दिखा। घरों से लेकर देवालयों में तुलसी मइया को हलवा-पूड़ी अर्पित कर विदाई दी गई, तो शाम होने के साथ नदी और सरोवर के घाट असंख्य दीपों की रोशनी से नहा उठे। शहर मेें तमसा के गौरीशंकर घाट, कदम घाट पर हजारों दीप जलाए गए। नदी के तीरे दीपों की लौ से ऐसा लग रहा था जैसे आसमान के तारे जमीन पर उतर आए हों। दीप जलते ही सेल्फी लेने की होड़ मच गई। उधर कुछ स्थानों पर तुलसी विवाह और दीपदान कर तुलसी मां को विदाई दी गई। वहीं जिले भर के घाटों व सरोवरों के तटों को दीपों से रोशन किया गया। निजामाबाद में तमसा नदी के शिवाला घाट पर शिवालयों, राम-जानकी मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर, गुरुद्वारा, हनुमानगढ़ी आदि मंदिरों को हजारों दीप जलाए गए। दीपों में तेल कम न पड़े, इसके लिए वालटियर दीपों में तेल भरते रहे। नगर की बालिकाओं ने आकर्षक रंगोली बनाई। सभी बालिकाओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम में मां तमसा आरती समिति के प्रकाश चौरसिया, अधिशासी अधिकारी प्रह्लाद पांडेय का योगदान सराहनीय रहा। मेंहनगर में ऐतिहासिक लखरांव पोखरे के महादेव घाट, बैरागी घाट, राम-जानकी व हनुमान जी घाट पर गोविंद प्रसाद दीक्षित की देख रेख में 11 हजार दीये जलाए गए। इसी के साथ जागरण किया गया। एसडीएम संत रंजन, थाना प्रभारी बसंत लाल, नपं चेयरमैन अशोक चौहान, लेखपाल विपिन पांडेय, चंदन सेठ, कन्हैया सेठ, अंजनी सेठ आदि उपस्थित रहे।
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