सिधारी पुलिस ने पकड़ा,बैनामा कराने को कहने पर किया था अपहरण
आजमगढ़: सिधारी थाना पुलिस ने जमीन बैनामा के नाम पर आपस में साजिश करके 78 लाख रूपये की धोखाधड़ी करने वाले अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया। 9 नवम्बर को थाना सिधारी में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि मु0 अतहर पुत्र सलाहुद्दीन निवासी गौरडीह खालसा थाना सिधारी द्वारा ईश्वरचन्द पुत्र शिवप्रसाद, शिवप्रसाद पुत्र रामकुसुन निवासी गण ममरखापुर थाना सिधारी, अरुणा पत्नी ऋषिकेश, अमित, सुमित पुत्रगण ऋषिकेश पता अज्ञात, विजयलक्ष्मी पत्नि ईश्वरचन्द निवासी ममरखापुर, माधुरी पत्नी संतोष, संतोष पुत्र लालबिहारी निवासीगण बभनौली थाना तरवाँ के द्वारा जमीन बैनामा के नाम पर आपस में साजिश करके प्रार्थी को क्षति पहुँचाने के नियत से धोखा देकर 78 लाख रुपये ले लिया गया तथा मेरे भाई अशरफ द्वारा बैनामे करने हेतु कहने पर जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर अपहरण कर लिया गया। मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। मामले में वरिष्ठ उपनिरीक्षक संजय कुमार सिंह द्वारा विवेचना की जा रही है। पुलिस ने आज मामले में वांछित अभियुक्त ईश्वरचन्द पुत्र शिवप्रसाद निवासी ममरखापुर को उसके घर ग्राम ममरखापुर से समय 10.05 बजे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि मैं और अतहर काफी अच्छे दोस्त है तथा अतहर मुझ पर काफी विश्वास करते हैं। मैंने उन्हे ग्राम छतवारा में अमित श्रीवास्तव के पट्टिदारों का खेत खरिदवाया था तथा उनके बगल में अमित श्रीवास्तव आदि की करीब 39 विस्वा जमीन है जिसे अतहर खरीदना चाहते थे जिसके लिये मैने करीब 2 वर्ष पूर्व नैनी प्रयागराज में रह रहे अमित श्रीवास्तव के घर जाकर बेचने हेतु बातचीत किया, परन्तु अमित व उसकी मां श्रीमति अरुणा श्रीवास्तव द्वारा बेचने से मना कर दिया। तब मैंने फायदा उठाने के लिये अतहर को बताया कि वो लोग 2 लाख रुपया विस्वा की दर से जमीन बेचने को तैयार हैं तथा फोन पर मैंने दूसरे व्यक्ति को अमित बनाकर बात कराया तथा विश्वास हो जाने पर सौदे के हिसाब से अतहर ने 8 चेक अमित, सुमित व श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव के नाम से 39 लाख रुपये का दे दिया जो उनके एडीएफसी बैंक के खाते का था। मेरा बन्धन बैंक आजमगढ़ में खाता है तथा वहां पर काम करने वाले कर्मचारी कृष्णा वर्मा पुत्र कन्हैया वर्मा निवासी तरवां थाना तरवां से मेरा अच्छा परिचय था जिससे बात करके मैने अमित श्रीवास्तव, सुमित श्रीवास्तव व अरुणा श्रीवास्तव का खाता दूसरे की फोटो फार्म पर लगाकर तथा कृष्णा वर्मा से वेरिफाई कराकर व उनके कुटरचित आधार कार्ड लगाकर खुलवा दिया और अमित, अरुणा श्रीवास्तव तथा सुमित कुमार के खाते में अतहर से प्राप्त सारे चेक जमा करके कृष्णा वर्मा की सहायता से निकाल लिया तथा यह पैसा हमने अपने एवं अपने पिता के खाते में ड्रा किया है। बाकी पैसा मैंने अपने दोस्तों व परिचितो के खाते में ट्रांसफर कर लिया। इसके बाद मैने बैनामा कराने के नाम पर अपने घर पर अतहर से 39 लाख रुपये कैश भी लिया। अतहर के साथ नन्दलाल यादव भी आया था, एक दिन घर पर अतहर का भाई अशरफ भी बैनामा का तगादा करने आये थे तो मेरी बहन माधुरी, बहनोई संतोष तथा पत्नी विजय लक्ष्मी उर्फ रोली तिवारी से वाद-विवाद व गाली गलौज हुआ था हम लोग उन्हे जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर कहीं नहीं ले गये थे यह आरोप झूठा है।
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