प्रशिक्षित स्टाफ नहीं होने से डीप सर्च मोबाइल डिटेक्टर भी बेकार पड़ा
आजमगढ़: जिला कारागार की हालत में सुधार नहीं हो रहा है। स्थिति यह है कि बंदी धड़ल्ले से मोबाइल का प्रयोग कर रहे हैं। डीएम व एसपी के निरीक्षण के बाद भी मोबाइल मिलने का सिलसिला जारी है। एक दिन पहले जेलर के निरीक्षण में जमीन के नीचे रखे चार मोबाइल बरामद हुए। सवाल यह उठता है कि आखिर किसकी मिलीभगत से यह खेल चल रहा है, यह जांच का विषय है। जेल प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। डीप सर्च मोबाइल डिटेक्टर चलाने वाले प्रशिक्षित जवान नहीं होने के कारण वह बेकार पड़ा है जिसका पूरा फायदा बंदी उठा रहे हैं। मुकदमे तक सिमटी कार्रवाई जेल के अंदर मोबाइल का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। 26 अक्टूबर को जेलर विकास कटियार ने चार मोबाइल बरामद किया जिसका मुकदमा सिधारी थाने में दर्ज कराया था। इससे पहले 26 जुलाई को जिलाधिकारी व एसपी ने छापेमारी कर बड़े पैमाने पर मोबाइल बरामद किया था। इसमें मुकदमा भी दर्ज हुआ था। जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जेल समेत कई बंदी रक्षक निलंबित हुए थे। कई बड़े अपराधियों को दूसरी जेल में शिफ्ट किया गया था। उसके बाद भी हालात जस के तस है। जेलर विकास कटियार का कहना है कि जेल के अंदर नियमित चेकिंग की जा रही है। मोबाइल पहले से कम हुआ है। कैसे भीतर आ रहा है, इसकी जांच की जा रही है। उच्चाधिकारी भी समय-समय पर निरीक्षण करते है।
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