वेदांता हास्पिटल के डाक्टरों के अथक प्रयास से बचाई जा सकी जान
आजमगढ़: शहर के लक्षिरामपुर स्थित वेदान्ता हास्पिटल में मंगलवार शाम 08 बजे उस वक्त हड़कम्प मच गया जब एक युवती के पेट के आरपार हुई दो सरिया संग उसे लेकर परिजन पहुंचे। अस्पताल के डॉक्टरों ने किसी तरह कड़ी मशक्कत के बाद उसकी जान बचाई। परिजनों ने बताया शाम को युवती छत पर थी तभी उसे बंदरों ने दौड़ा लिया और हड़बड़ाहट में वह छत से गिर पड़ी। ऊंचाई से गिरने के बाद वह लोहे के भाले लगे बाउंड्री वॉल में फंस गई थी। अस्पताल के निदेशक विशाल जायसवाल ने बताया कि आसिफगंज निवासी युवती लगभग बाइस फिट ऊंची छत से बाउंड्री वॉल के ऊपर गिरी। जिसमें नुकिला सरिया लगा हुआ था। दो सरिया युवती के पेट और पीठ में बगल से आर पार हो गया। पहले तो घर वालों ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद कटर से काटकर बाउंड्री वॉल में फंसी लड़की को अलग किया। बाकी की सरिया लड़की के पेट में और पीठ में धंसा रहा। जिससे उसके जीवन को भारी खतरा था। परंतु वेदांता अस्पताल के न्यूरो स्पाइनल सर्जन डॉ शिशिर जायसवाल, जनरल सर्जन डॉ एस के गुप्ता, एनेस्थेटिस्ट डाक्टर विरेन्द्र एवं उनकी पूरी टीम ने घंटो के अथक प्रयास से ऑपरेट कर मरीज के पेट से तथा स्पाइनल एरिया से सरिया निकाल दिया। किसी तरह से उसकी जान बचाई गई। अस्पताल के डायरेक्टर विशाल जायसवाल ने बताया कि युवती फिलहाल खतरे से बाहर लग रही है उसकी गहन देखभाल की जा रही है।
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