अभी भी पांच तहसीलों के एसडीएम पड़े सुस्त, हो रही देरी
लालगंज,मेंहनगर व सदर के एसडीएम जांच में निकल गए आगे
आजमगढ़ : आधुनिकीकरण योजना के तहत की जाने वाली मदरसों की जांच में अभी भी पांच एसडीएम की प्रगति शून्य से आगे नहीं बढ़ पा रही है। डीएम विशाल भारद्वाल की समीक्षा में तहसील लालगंज, मेंहनगर व सदर के ही डिप्टी कलेक्टर की रिपोर्ट संतोषजनक मिली। शासन की प्राथमिकता वाली जांच में एसडीएम की अरुचि पर गंभीरता दिखाई है। रिमाइंडर के बाद लालगंज के पांच, मेंहनगर के आठ और तहसील सदर के 75 सहित 88 मदरसों की जांच रिपोर्ट मिली, जिसे निदेशालय अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भेज दिया गया है। जनपद में संचालित 387 मदरसों में 255 अनुदानित हैं। सरकार इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ ही अन्य सुविधाएं देने के लिए हर साल बजट देती है। जिले में कुछ मदरसे ऐसे हैं, कागजों में चल रहे या फिर मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कागजों पर संचालित मदरसों के जरिए सरकारी बजट का दुरुपयोग हो रहा है। ऐसे मदरसों की जमीनी पड़ताल की जांच के लिए डीएम ने एक रोडमैप तैयार किया है। नगर क्षेत्र में एसडीएम के नेतृत्व में नगर शिक्षा अधिकारी, अधिशासी अधिकारी के नामित एई व ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम के नेतृत्व में बीईओ और बीडीओ के नामित एई की टीम गठित की गई है। इसी तरह लालगंज, मेंहनगर, मार्टीनगंज, फूलपुर, सदर, निजामाबाद, बूढ़नपुर व सगड़ी तहसील में संचालित मदरसों की जांच के लिए कमेटी अस्तित्व में है। समीक्षा लालगंज, मेंहनगर व सदर को छोड़ किसी डिप्टी कलेक्टर ने जांच में रुचि नहीं दिखाई। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी वर्षा अग्रवाल ने बताया कि लालगंज के बाद मेंहनगर व सदर तहसील के कुल 88 मदरसों जांच पूरी हो चुकी है। रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी गई है। रिमाइंडर के बाद से शेष पांच तहसीलों के एसडीएम सत्यापन कार्य में लगे हैं। जल्द ही उनकी भी जांच रिपोर्ट मिल जाएगी।
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