दिसंबर तक पूरा होगा कार्य,80 राजस्व हैं चयनित, 26 गांवों की कार्ययोजना लंबित
गांवों में ठोस एवं तरल कूड़ा-कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट लगेंगे
आजमगढ़: स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के फेज-टू में ओडीएफ घोषित हो चुके राजस्व गांवों को अब कूड़ा-कचरा प्रबंधन कर माडल गांव बनाया जाना है। यह कार्य दिसंबर तक पूरा कर लेना है। प्रथम चरण में 80 राजस्व गांवों का चयन किया गया है। कार्य में तेजी के लिए शासन से अनुमोदन के बाद एसबीएम (स्वच्छ भारत मिशन) से 54 गांवों को 15 करोड़ रुपये आवंटित किया जा चुका है। जबकि अभी तक 26 गांवों के सचिव संशोधित कार्ययोजना डीपीआरओ कार्यालय में प्रस्तुत नहीं कर सके हैं। भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-दो के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रथम चरण में पांच हजार और उससे ऊपर की जनसंख्या वाले 80 गांवों को शामिल किया गया है। इन गांवों में ठोस एवं तरल कूड़ा-कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे। गांव स्तर पर अन्य कचरे के साथ-साथ प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए शेड बनाया जाएगा। योजना के तहत निदेशालय भेजने के लिए 18 गांवों की लगभग सात करोड़ रुपये की संशोधित कार्ययोजना स्वीकृति के लिए सीडीओ को प्रेषित कर दी गई है। जबकि सीडीओ की स्वीकृति के बाद 20 गांवों की संशोधित कार्ययोजना अनुमोदन के लिए शासन को भेज दी गई है। एसबीएम और 15वें वित्त एवं मनरेगा मद से अब तब 38 गांवों में कार्य शुरू हो चुका है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की जिला समन्वयक प्रीति सिंह ने कहा कि चयनित राजस्व गांवों को माडल बनाए जाने के प्रक्रिया तेजी से चल रही है। शासन से अनुमोदन मिलने के बाद स्वच्छ भारत मिशन मद से कई गांवों को कार्ययोजना के अनुसार धनराशि आवंटित की जा चुकी है। शेष ग्राम पंचायतों से संशोधित कार्ययोजना जल्द उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
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