आजमगढ़: जिले के गांवों में पानी की शुद्धता की जांच शुरू हो गई। पानी दूषित मिलने पर जल स्रोतों पर लाल निशान लगाया जाएगा। शासन ने गांवों में पानी के उपयोग में लाए जाने वाले विभिन्न स्त्रोतों की शुद्धता जांच का निर्देश दिया था। जल निगम (ग्रामीण) की तरफ से जांच के लिए समूह की महिलाओं का चयन किया गया है। जिले के 3779 राजस्व गांवों में घर-घर जांच के लिए पांच-पांच महिलाओं का चयन किया गया है। अभी तक 118 राजस्व गांवों में जांच की गई, जिसमें पानी शुद्ध पाया गया है। इसकी रिपोर्ट आनलाइन पोर्टल पर भी दिखाई देगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम 80 परिवारों के पानी का स्रोत निजी हैंडपंप, सरकारी हैंडपंप, कुआं आदि की जांच कर तत्काल रिपोर्ट दी जा रही है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में चयनित महिलाओं को एक जांच किट विभाग की तरफ से उपलब्ध कराया गया है। जांच के बाद पानी दूषित मिलने पर उपयोग न करने की नसीहत देते हुए लाल निशान लगा दिया जाएगा। पानी की एक जांच पर समूह की महिलाओं को 20 रुपये मिलेंगे जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। पानी में गंदगी की माप, पीएच, जल की कठोरता, लोहा, क्लोराइड, अपशिष्ट मुक्त क्लोरीन, नाइट्रेट, फ्लोराइड, अल्कालिनिटी व आर्सेनिक की जांच होगी। अधिशासी अभियंता, जल निगम (ग्रामीण) सूरज कुमार वर्मा ने बताया कि गांव-गांव पानी के विभिन्न स्त्रोतों की शुद्धता की जांच समूह की महिलाएं कर रही हैं। जिस हैंडपंप या स्त्रोत का पानी मानक के विपरीत मिलेगा उसे पीने योग्य नहीं लिखकर लाल निशान लगाया जाएगा।
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