आसमानी बिजली की वजह से दर्जन भर से ज्यादा मौतें हुई हैं
पूर्वांचल: मानसूनी सक्रियता का दौर पूर्वांचल में दो दिनों से खूब झमाझम बरसात करा रहा है। मंगलवार की दोपहर बाद से सक्रिय हुए बादलों ने झूमकर बारिश कराई तो मंगलवार की रात से बुधवार शाम 05 बजे तक लगातार बूंदा बांदी होती रही। मानसूनी सक्रियता का दौर होने के बाद वातावरण में नमी का स्तर भी बढ़ा है। इस लिहाज से मानसूनी सक्रियता प्रदेश में बूंदाबांदी के साथ ही मौसमी बदलाव लेकर आया है। बंगाल की खाड़ी से नमी आने के साथ ही मानसूनी हालात सक्रिय हो गए हैं। इस समय पूर्वांचल में वाराणसी सहित सोनभद्र, बलिया, मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, मीरजापुर, भदोही, जौनपुर और चंदौली में बादलों का कब्जा है। मौसम विभाग के अनुमानों के अनुसार प्रतिवर्ष 20 जून को वाराणसी सहित पूर्वांचल में मानसूनी बादलों की सक्रियता शुरू हो जाती थी। मगर, इस बार मानसून करीब सात दिन की देरी से 28 जून को दोपहर बाद सोनभद्र से आगे वाराणसी तक पहुंचा और झमाझम बरसात समूचे पूर्वांचल में दर्ज की गई। हालात यह हो गए कि आसमानी बिजली की वजह से लगभग दर्जन भर लोगों की कई जिलों में मौत भी हो गई। अब मानसूनी सक्रियता शुरू होने के बाद मंगलवार की दोपहर के बाद से रह रहकर बरसात हो रही है। जबकि रात का तापमान भी गिर गया है। बीते वर्ष 13 जून को ही मानसून समय से सात दिन पूर्व आ गया था। लखनऊ तक मानसून 13 जून तक आ गया था। लेकिन इस बार मानसून जौनपुर, अयोध्या, होते हुए उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश तक मानसून सक्रिय हो चुका है। अब समूचे पूर्वांचल में मानसूनी सक्रियता का दौर शुरू होने के बाद माना जा रहा है कि मानसून अब पूर्वांचल को राहत देगा। दूसरी ओर वातावरण में बादलों की सक्रियता लगातार बनी हुई है। मौसम विभाग ने इस पूरे सप्ताह बादलों की आवाजाही और बारिश की समूचे पूर्वांचल में आशंका जताई है।
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