अखिलेश यादव ने दिवंगत बलिहारी बाबू के पुत्र को दिया मौका
आजमगढ़ : अखिलेश यादव के इस्तीफा देने से खाली हुई सपा की प्रतिष्ठापरक सीट आजमगढ़ सदर से सुशील आनंद चुनाव लड़ेंगे। सुशील बसपा के संस्थापक सदस्य एवं पूर्वांचल के दिग्गज नेता रहे बलिहारी बाबू के बेटे हैं। हालांकि, उन्होंने जीवन के अंतिम दिनों में साइकिल की सवारी कर ली थी। अखिलेश यादव के इस निर्णय के साथ जहां सपा ब्रिगेड चुनावी तैयारी में गई हैं, तो भाजपाई अब भी अपने महारथी का इंतजार कर रहे हैं। शहर के हरबंशपुर निवासी सुशील कुमार आनंद वर्ष 2010 में फूलपुर से ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं। दरअसल, इनका पैतृक मकान फूलपुर के रम्मोपुर गांव में है। हालांकि इसकी सुगबुगाहट तो एक माह पूर्व ही शुरू हो गई थी। अखिलेश यादव फूलपुर में पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव की मां की तेरहवीं कार्यक्रम में आजमगढ़ पहुंचे, तो वहां के बाद सुशील से मिलने उनके घर भी गए थे। अखिलेश यादव के साथ विधायक दुर्गा प्रसादव यादव, जिलाध्यक्ष हवलदार यादव भी थे। हालांकि, उस दिन इलाकाई लोगों में उठी सियासी चर्चा को स्थानीय नेताओं ने औपचारिक मुलाकात बताकर टालने की कोशिश की थी। ऐसे में जब शुक्रवार को सुशील आनंद के नाम की घोषणा संसदीय उपचुनाव के लिए हुई, तो लोगों में चुनाव को लेकर नई बहस छिड़ गई। उधर उम्मीदवारी की घोषणा होने के साथ ही सुशील के परिवार में खुशी का माहौल देखने को मिला। परिवार के लोग तो सुबह से सपा के लखनऊ मुख्यालय के संपर्क में थे। सुशील की पत्नी अनुराधा गौतम जीजीआइसी लालगंज की प्रभारी प्रिंसिपल हैं। इनके परिवार की जनपद में एक अलग प्रतिष्ठा है। बलिहारी बाबू का बहुत सालों तक बसपा को सींचने के बाद मोहभंग हुआ तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा। उसके बाद वर्ष 2020 में सपा में शामिल हो गए थे। 28 अप्रैल 2021 उनका निधन हो गया था।
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