2024 में मजबूती से लड़ कर जीतेंगे, सपा के प्रत्याशी को वापस भेजेंगे - शाह आलम
अपना अपना बूथ चेक कर लें सपा के मुस्लिम नेता व विधायक
आजमगढ़: 2 दिन पूर्व संपन्न हुए लोकसभा उपचुनाव की मतगणना के बाद भी अभी सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। एक तरफ जीत के बाद जहां बीजेपी के दिनेश लाल यादव निरहुआ लखनऊ के लिए निकल गए तो दूसरे नंबर पर रहे समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव भी सोमवार को लखनऊ चले गए। वहीं दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रहे शाह आलम गुड्डू जमाली ने आज आजमगढ़ शहर स्थित अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर कहा कि वह तो यहीं के रहने वाले हैं यही पैदा हुए यही कब्र में दफन होंगे। उन्होंने खासतौर पर समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर निशाना साधा कहा कि मुसलमान को यह लोग अपनी जागीर समझते हैं। लेकिन इस बार मुसलमानों ने इनको आइना दिखा दिया है। कहा कि देश की राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी बहुजन समाज पार्टी को यह लोग बी टीम बताते हैं। इनको शर्म नहीं आती। जबकि इस पार्टी के प्रत्याशी को 2 लाख 70 हजार वोट मिले। उन्होंने अखिलेश पर खास तौर पर निशाना साधा। अपने बारे में कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले बसपा से कुछ दूरी के चलते अपने घर पर बैठे थे लेकिन उनको लखनऊ बुलाया गया और उनकी पगड़ी को जूते तले रौंदा गया। जिसको आजमगढ़ का मुस्लमान बर्दाश्त नहीं कर पाया। कहा कि सपा में जो मुसलमान नेता है वह अपनी गैरत बेचकर रहते हैं। मैं गैरत बेचकर नहीं रह सकता मरना पसंद है। उन्होंने सपा के मुस्लिम विधायकों पर भी निशाना साधा कहा कि वह अपने बूथ को चेक कर ले कितने वोट मिले थे। कहा कि एक एक बूथ पर जहां मुस्लिम आबादी है 700 से 800 वोट बसपा को मिले तो सौ से डेढ़ सौ वोट ही सपा को मिले। इससे उनको अपनी हैसियत पता चल गई है। 2024 में मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे जीत हासिल कर समाजवादी पार्टी के जो भी प्रत्याशी होंगे उनको वापस लौटाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जो सैफई और इटावा से आकर यहां आजमगढ़ में अपनी जागीर बनाए हैं उनको सबक सिखाना जरूरी है। सपा नेताओं द्वारा बार-बार मुसलमानों को भ्रमित होने के बयान पर उन्होंने कहा कि मुसलमान उनकी जागीर नहीं है कि हमेशा उन्हीं को वोट करेगा आखिर यादव मतदाता ने बसपा को क्यों नहीं वोट किया। हारने पर सपा नेताओं द्वारा तमाम आरोप पर उन्होंने कहा कि इतना बड़ा चुनाव है। 19 या 20 ह्यूमन एरर हो सकता है लेकिन कहीं कोई धांधली की बात नहीं है। इनकी रोने की हमेशा आदत रही है। अगर जीत जाते तो कुछ नहीं बोलते। हार गए तो ईवीएम ने हरा दिया जमाली ने हरा दिया। जिस तरीके से उन्होंने पगड़ी को रौंदा तो एक जमाली नहीं सौ जमाली यहां पैदा होंगे। जमाली यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को मालूम था कि धर्मेंद्र हारेंगे क्योंकि वह पहले डिंपल को लड़ाना चाहते थे लेकिन जब सामने गुड्डू जमाली को प्रत्याशी के रूप में देखे तो धर्मेंद्र को लड़ने भेज दिया।
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