सरकार के 100 दिन के कार्यों की समीक्षा बैठक में हुई चर्चा
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ और रामपुर को उपचुनाव में ढहाने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी इन्हें अपना अभेद्य दुर्ग बनाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों ही जिलों को शीर्ष प्राथमिकता में रखते हुए यहां चल रहीं विकास परियोजनाओं की शासन स्तर से समीक्षा के निर्देश दिए हैं। इन जिलों पर अब मुख्यमंत्री कार्यालय की सीधी नजर होगी। योगी सरकार 2.0 के पहले 100 दिन के कार्यों की मंगलवार को समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा की अभूतपूर्व जीत की चर्चा करते हुए स्थानीय जनता के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में स्थानीय जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों में अभूतपूर्व विश्वास जताया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें रामपुर और आजमगढ़ की जनता के इस विश्वास और उनके भरोसे पर खरा उतरना होगा। सभी विभाग इन दोनों जनपदों से संबंधित विकास परियोजनाओं की समीक्षा कर लें, कोई भी प्रस्ताव लंबित न रहे। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा भी इन क्षेत्रों में संचालित और लंबित विकास परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी। बता दें कि समाजवादी पार्टी के दो मजबूत किले रविवार को ढह गए। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के त्यागपत्र से रिक्त हुई आजमगढ़ और आजम खां के पार्टी के इस्तीफे से खाली हुई रामपुर लोक सभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को जीत मिली है। आजमगढ़ में हुए त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा के दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने सपा के धर्मेंद्र यादव को 8,679 वोटों से हराकर सपाई गढ़ पर केसरिया परचम लहराया। बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ सीट से सांसद रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश के चचेरे भाई हैं। रामपुर में हुई सीधी लड़ाई में भाजपा के घनश्याम सिंह लोधी ने सपा प्रत्याशी आसिम राजा को 42192 मत से पराजित करके आजम खां की प्रतिष्ठा से जुड़ी यह सीट भाजपा की झोली में डाल दी। कांग्रेस ने दोनों सीटों पर उपचुनाव लड़ने से परहेज किया जबकि बसपा सिर्फ आजमगढ़ में मैदान में उतरी।
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