फाइल चित्र : बंगले में बरामद अवैध शराब, कफ शीरप देखते एसपी
74 लाख, 48 हजार रुपये हुआ संपत्ति का मूल्यांकन
फरवरी में अहरौला क्षेत्र में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में होगी कार्रवाई
आजमगढ़: जिले के अहरौला क्षेत्र में बीते फरवरी माह में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में जिला प्रशासन बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गया है। आबकारी व पुलिस विभाग की आख्या रिपोर्ट पर इस मामले में आरोपित एक ही परिवार के लोगों द्वारा नकली शराब के काले कारोबार से अर्जित की गई संपत्ति में अहरौला थाना क्षेत्र के रूपाईपुर में बने आलीशान मकान व अन्य अचल संपत्ति को गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रिया-कलाप निवारण अधिनियम के तहत कुर्क किए जाने की तैयारी अंतिम चरण में है। बताते चलें कि अहरौला क्षेत्र के रूपईपुर गांव में शराब की अवैध फैक्ट्री से भारी मात्रा में नकली शराब और कफ सिरप की बरामदगी के साथ फैक्ट्री संचालक मोहम्मद फहीम को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार मोहम्मद फहीम और माहुल बाजार स्थित सरकारी देशी मदिरा की दुकान के मालिक रंगेश यादव की निशानदेही पर अवैध शराब, उपकरण, नकली बार कोड व कफ सीरप भी बरामद की गई थी। लोकनिर्माण विभाग द्वारा फहीम और उसके भाइयों की रूपाईपुर में बने मकान की कीमत 35 लाख, 75 हजार, 434 रूपए आंकी गई है। इसी मकान में जहरीली शराब बनती थी, जिसका सेवन कर लोग असमय काल के गाल में समा गए जबकि तमाम लोग दृष्टिहीनता के शिकार गए थे। इस मामले में दर्जन भर से ज्यादा लोग जेएलएल की सलाखों के पीछे हैं। अब उ.प्र. गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रिया-कलाप निवारण अधिनियम-1986 के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिलाधिकारी ने अवैध कमाई से बनाए गए मकान का मूल्यांकन कराया। डीएम ने तहसीलदार फूलपुर को इसका रिसीवर बनाया है और एक सप्ताह में संपत्ति कुर्क करने का निर्देश दिया है। इस मामले के गुनाहगार लोगों में मो० फहीम के साथ ही मो०कलीम की पत्नी अर्शिया, मो० नईम, मो० नदीम पुत्रगण मोहम्मद सईद की कुल 74 लाख, 48 हजार, 435 रूपए की संपत्ति कुर्क करने का निर्देश दिया गया है। फरवरी माह के पहले सप्ताह में जहरीली शराब से हुई मौतों ने जिले में कुटीर उद्योग का रूप धारण कर चुके इस अवैध कारोबार के खिलाफ शासन स्तर पर कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई की जद में आए उप आबकारी आयुक्त एलबी मिश्रा को हटाकर उन्हें प्रयागराज मंडल से संबद्ध किया गया था। साथ ही इस मामले में जिम्मेदार ठहराए गए आबकारी विभाग के तीन कर्मचारियों में आबकारी निरीक्षक नीरज सिंह, आरक्षी सुमन कुमार पांडेय व राजेंद्र प्रताप सिंह के साथ ही अहरौला थाना प्रभारी संजय सिंह के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई थी।
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