कार्रवाई के दायरे में छह देसी एक अंग्रेजी और एक बीयर की दुकान
आजमगढ़ : जहरीली शराब से हुई मौत के बाद प्रशासन की तंद्रा टूटी है। सरकारी ठेकों पर छापेमारी में मिलावटी शराब की बरामदगी होने पर आठ दुकानों के लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक कार्रवाई के दायरे में तीन दुकानें माहुल क्षेत्र की तो शेष जनपद के अन्य क्षेत्रों की आई हैं। बेगुनाहों की मौत के बाद हुई किरकिरी के बाद इलाहाबाद से आबकारी की इंटेलीजेंस टीम तो गोरखपुर से ज्वाइंट कमिश्नर ने आजमगढ़ में डेरा डाला था। इनके द्वारा छापेमारी के लिए आठ टीमों का गठन किया था। छापामार कार्रवाई हुई तो आशंकाएं सच निकली। माहुल की तीन दुकानों के अलावा गोसाईं की बाजार स्थित बीयर की दुकान, जीयनपुर स्थित अंग्रेजी दुकान के अलावा रोडवेज, पिपरी व बूढ़नपुर की देसी शराब दुकान पर मिलावट का खेल सामने आया था। जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी के पास यह रिपोर्ट आई तो उन्होंने सभी आठ दुकानों के लाइसेंस को एक साथ निलंबित कर दिया। हालांकि यह कार्रवाई सिर्फ लाइसेंसियों पर किए जाने के बाद सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार ने आबकारी विभाग को पूरी मशीनरी दे रखी है। अधिकारियों एवं प्रवर्तन दल में पूरी फौज है। इसके बावजूद मौत का खेल हो गया। सरकारी ठेके की शराब ने कइयों की जान ले ली, जबकि कई दुकानों पर मिलावटी उत्पाद मिलना गंभीर विषय है। वह भी तब जब चुनाव के चलते पूरी मशीनरी अलर्ट पर है। जिला आबकारी अधिकारी अनूप शर्मा ने कार्रवाई की पुष्टि की है।
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