ठेके की शराब से मौते हुई और गंभीर हाल में 41 लोग भर्ती हुए
प्रशासन ने मात्र 03 मौत की पुष्टि की, कई का अंतिम संस्कार हो जाने से संशय
आजमगढ़: जिले में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में आबकारी इंस्पेक्टर और दो सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आबकारी आयुक्त के मुताबिक निलंबित किए गए इंस्पेक्टर नीरज सिंह, आबकारी सिपाही सुमन कुमार पाण्डेय व राजेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं। आजमगढ़ जिले में ठेके की शराब पीने से बीमार पड़े तीन लोगों की सोमवार को मौत हो गई। गंभीर रूप से बीमार 41 लोगों को मंडलीय जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहरीली शराब का इलाके में कहर बरपने से चहुंओर कोहराम मच गया। चुनाव से पूर्व एक बार फिर शराब तस्करों के मौत का खेल खेलने से नाराज लोग माहुल-अंबारी मार्ग पर उतर आए। पुलिस ने शराब ठेके के दो सेल्समैनों को गिरफ्तार कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। कमिश्नर विजय विश्वास पंत मंडलीय अस्पताल व डीएम अमृत त्रिपाठी और एसपी अनुराग आर्य मौके पर पहुंचकर बीमारों का हाल जाना। हालांकि, इलाकाई लोग नौ लोगों की सांसें थमने की जिद पर अड़े हैं। डीएम ने कहा कि जहरीली शराब से तीन मौतें हुईं हैं, जबकि दो अन्य वजहों से मरे हैं। आजमगढ़ जिले में अहरौला थाना क्षेत्र के माहुल कस्बा में देसी शराब का ठेका है। रविवार की शाम वहां से लोगों ने शराब खरीकर पी, फिर अपने-अपने घर चले गए। आधी रात में लोगों को बेचैनी, उल्टी-दस्त के बाद आंखों से कम दिखने लगा तो परेशान होने लगे। स्वजन आनन-फानन में बीमारों को लेकर निकट के अस्पताल भागे, लेकिन झब्बू सोनकर (52) निवासी कस्बा माहुल, रामकरन (62) व रामप्रीत निवासी दखिनगांवां, फूलपुर की मौत हो गई। इनके अलावा 41 लोगों को पहले अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती काराया गया। स्वजन पहले मौतों को सामान्य समझे, लेकिन जहरीली शराब का कहर ज्यादा देर छिप नहीं सका। इलाकाई लोगों ने नौ लोगों के मरने की बात कहते हुए सड़क जाम कर दिए। डीएम-एसपी पहुंचे तो लोगों से बातचीत के बाद पांच मौतों की जानकारी मीडिया को दी, लेकिन स्वजन से मिलने के बाद तीन मौतों की पुष्टि की। तीनों शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। अस्पताल से घर पहुंचे लोगों को फिर मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। पांच अन्य लोगों के मरने के सवाल पर एसपी ने कहाकि उनका अंतिम संस्कार होने के कारण कुछ कह पाना मुश्किल है। हालांकि, उनके स्वजन भी कोई प्रमाण देंगे तो उसका संज्ञान लिया जाएगा। कहाकि मौत के सौदागरों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की जाएगी।
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