बादलों की आड़ में छिपे रहे सूर्यदेव, फसल के प्रभावित होने से किसान चिंतित
आजमगढ़: पिछले दो दिन से पड़ रहे घने कोहरे के साथ ही मंगलवार की सुबह से आसमान में बादल छा गए। दिन भर भगवान भास्कर के दर्शन नहीं हुए और शाम होते-होते शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश हुई है। ठंड बढ़ी तो लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए। गेहूं को छोड़कर अन्य फसल को लेकर किसानों की चिता बढ़ गई है। उधर, कई क्रय केंद्रों पर गोदाम भरने के कारण बाहर रखे धान भीगने लगे। आनन-फानन में क्रय केंद्र के कर्मचारी तिरपाल ढक कर बचाने में लग गए। सोमवार की सुबह से शुरू हुआ कोहरा मंगलवार को भी सुबह नौ बजे तक पड़ा। आसमान में छाएं बादलों के कारण दिन भर धूप बेअसर रही वहीं शाम को शुरू हुई बूँदाबादी ने गलन बढ़ा दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह कोहरे ने लोगों को घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया है। मजबूरी में स्कूल जाने वाले नौनिहाल वाहनों के इंतजार में सड़कों पर खड़े ठिठुरते रहे लेकिन देर शाम मौसम के मिजाज बदला तो बारिश हो गई। उसके बाद तो बाजारों में सन्नाटा पसर गया। स्कूल और कोचिंग जाने वाले बच्चे सुबह सात बजे से ही सड़कों पर नजर आने लगे। नौनिहालों के साथ अभिभावक सड़क पर खड़े होकर वाहन का इंतजार करते रहे। सुबह नौ बजे तक कोहरे ने सबको जकड़े रखा। दृश्यता भी दो से चार मीटर ही रही। स्कूलों और कालेजों में सुबह उपस्थिति काफी कम देखी गई। स्कूल के समय बच्चे सड़कों पर नजर आ रहे थे। इंडीकेटर के सहारे वाहन चल रहे थे। क्षेत्र के अन्नदाताओं को यह डर सताने लगा है कि अब आलू, सरसो, अरहर, मटर की फसलों पर प्रभाव पड़ेगा। कोहरे से आलू की फसल को बचाने के लिए सिचाई की जरूरत है। वहीं पाला से बचाने के लिए दवाओं का छिड़काव जरूरी हो गया है। हालांकि गेहूं की फसल के लिए कोहरा संजीवनी है।
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