पाक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने सुनाया कठोर फैसला
वर्ष 2015 में वहशी ने मासूम बालक को बनाया था निशाना
आजमगढ़ : बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म करने का गुनाह साबित होने पर पाक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश रवीश कुमार अत्री ने बहशी को दस वर्ष कारावास की सजा व 60 हजार रुपये अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर कारावास की अवधि के दौरान किए गए श्रम के बदले मिली रकम से पूरी की जाएगी। केस सुनवाई में लगने के कारण पहले से दोनों पक्षों के लोग कचहरी पहुंचे थे। देर शाम फैसला आया तो पीड़ित पक्ष ने न्याय मिलने पर राहत महसूस की। अप्राकृतिक दुष्कर्म की घटना वर्ष 2015 में मुबारकपुर थाना क्षेत्र के मुहल्ला कटना में हुई थी। कप्तानगंज थाना क्षेत्र के एक गांव का 10 वर्षीय बालक मुहल्ला कटना स्थित अपने ननिहाल में आया था। वहां 24 जून को मुहल्ले का ही गुड्डू अंसारी बालक को अगवा कर लिया। उसे सुनसान स्थान पर ले जाकर अप्राकृतिक दुष्कर्म किया। इधर बालक के दिखाई न पड़ने पर ननिहाल पक्ष के लोग ढूंढ़ने निकल पड़े थे कि उसकी चीख सुनाई पड़ गई। दरअसल, वहशी गुड्डू अंसारी बालक के साथ दुष्कर्म के बाद उसका गला दबा रहा था। स्वजन पहुंचे तो वह मौके से भाग निकला था। मुबारकपुर पुलिस गुड्डू के खिलाफ पाक्सो एक्ट समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर जांच में जुटी तो गुड्डू के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा सकी। पाक्सो कोर्ट में उस मामले में सुनवाई शुरू हुई तो आरोपित के गुनाह सामने आते गए। सुनवाई पूरी हुई तो गुड्डू का गुनाह साबित हुआ, जिसके आधार पर विद्वान न्यायाधीश ने कठोर सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक अवधेश कुमार मिश्रा व थाने के पैरोकार पंकज सिंह ने पीड़ित की ओर से पैरवी की।
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