शासन के शीर्ष प्राथमिकता वाले विकास कार्यक्रमों की मण्डलायुक्त ने किया समीक्षा
आज़मगढ़ 20 जुलाई -- मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त ने कहा कि गांवों में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कराये जा रहे निर्माण कार्यों में मानक एवं गुणवत्ता को सुदृढ़ रखने हेतु सभी जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी गावों का नियमित भ्रमण करें। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन कार्यों में मानकों की अनदेखी कर गुणवत्ता के विपरीत कार्य होना पाया जाता है तो सम्बन्धित का उत्तरदायित्व निर्धारित उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाय। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने मंगलवार को अपने कैम्प कार्यालय पर जूम ऐप के माध्यम से शासन द्वारा निर्धारित शीर्ष प्राथमिकता वाले विकास कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा यद्यपि कि मण्डल के जनपदों में कई कार्यक्रमों की अपेक्षा के अनुरूप कार्य हुए परन्तु समय से फीडिंग नहीं किये जाने के कारण राज्य स्तर पर हुई रैंकिंग में मण्डल का स्थान काफी निचले पायदान पर है। उन्होंने सख्त हिदायत दी कि जो भी कार्य कराये जायें उसको समय से अपलोड करना सुनिश्चित किया जाये। मण्डलायुक्त ने कहा कि विद्युत वसूली में आज़मगढ़, पशु टीकाकरण में बलिया, आयुष्मान भारत में आज़मगढ़ एवं मऊ की स्थिति सन्तोषजनक नहीं है, इसलिए इस ओर विशेष ध्यान देकर अपेक्षित सुधार लाया जाय। एनआरएलएम (राष्ट्रीय आजीविका मिशन) सहित कई अन्य कार्यों में जनपद मऊ की प्रगति अत्यन्त खराब मिलने पर उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी मऊ पर सख्त नाराजगी व्यक्त किया तथा निर्देशित किया कि व्यक्तिगत ध्यान देकर आगामी समीक्षा बैठक तक सभी कार्यों में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति लाना सुनिश्चित करें। इस सम्बन्ध में उन्होंने जिलाधिकारी मऊ अमित सिंह बन्सल से कहा कि अपने स्तर से इनके कार्यों की नियमित रूप से मानीटरिंग करें। मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त ने कन्या सुमंगला योजना के सम्बन्ध मंे कहा कि यह बालिकाओं के सर्वोंगीण विकास की दृष्टि से शासन की अत्यन्त महत्पूर्ण योजना है, इस पर विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने इस योजना की समीक्षा में जनपद आज़मगढ़ एवं बलिया की प्रगति अपेक्षानुरूप नहीं मिलने पर जिलाधिकारी आज़मगढ़ राजेश कुमार एवं जिलाधिकारी बलिया अदिति सिंह को निर्देश दिया कि इस योजना की नियमित समीक्षा करें तथा जिस स्तर पर कमी मिले सम्बन्धित का उत्तरदायित्व निर्धारित समुचित कार्यवाही करें। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने कहा कि जिन कार्यक्रमों में अभी तक शासन स्तर से लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है, रिपोर्ट में उसका स्पष्ट उल्लेख करें, ताकि राज्य स्तर पर जनपद एवं मण्डल की रैंकिंग पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में पाया कि जनपद बलिया में संस्थागत प्रसव बहुत कम है। इस सम्बन्ध में संयुक्त निदेशक, चिकित्सा ने बताया कि बार-बार निर्देश दिये जाने के बावजूद बलिया में निजी अस्पतालों से प्रसव का डाटा कलेक्ट नहीं किया जा रहा है, जिससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। मण्डलायुक्त ने इस स्थिति पर असन्तोष व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया को सख्त निर्देश दिया कि निजी अस्पतालों से संस्थागत प्रसव का डाटा कलेक्ट करने की कार्यवाही तत्काल प्रारम्भ कराई जाय तथा भविष्य में पुनः इसकी शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने उप निदेशक पंचायत को निर्देशित किया कि तत्काल जनपद मऊ में निर्मित सामुदायिक शौचालयों का निरीक्षण कर गुणवत्ता की जाॅंच करायें तथा उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसी क्रम में उन्होंने तीनों जनपद के जिलाधिकारियों एवं मुख्य विकास अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि निर्माण कार्यों में क्वालिटी मेनटेन रखने के लिए यह जरूरी है कि गांवों के भ्रमण के दौरान निर्माण कार्य यदि मानक और गुणवत्ता के विपरीत पाया जाता है तो दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही अवश्य की जाय। इससे पूर्व यूनिसेफ के डिवीजनल मानीटर गवासुद्दीन एवं आरसी सौरभ सिन्हा द्वारा स्वास्थ्य से सम्बन्धित कतिपय बिन्दुओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट मण्डलायुक्त के समक्ष पेश की गयी, जिसमें पाई गयी कमियों को उन्होेंने प्राथमिकता के आधार पर दूर करने हेतु सम्बन्धित विभागोें के अधिकारियों को निर्देशित किया। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने जूम ऐप के माध्यम से जिलाधिकारी आज़मगढ़ राजेश कुमार, जिलाधिकारी मऊ अमित सिंह बन्सल, जिलाधिकारी अदिति सिंह सहित अन्य अधिकारियों से सीधे वार्ता कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया। इस अवसर पर संयुक्त विकास आयुक्त पीएन वर्मा, उप निदेशक पंचायत राम जियावन, संयुक्त निदेशक चिकित्सा डा. मुहिब्बुल्लाह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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