प्रकृति को सही तरीके से समझें तो आप की समस्या का समाधान निकल आएगा- एन पी सिंह, पूर्व आईएएस
आजमगढ़: शहर के शारदा टाकीज में तीसरे आजमगढ़ अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का रविवार को समापन कागज फिल्म के प्रदर्शन के साथ हुआ। महोत्सव में पहुंचे सिनेमा प्रेमी उत्साहित नजर आए। अंतिम दिन महोत्सव की शुरुआत बलिया से लेकर केरल से आई लघु फिल्मों के प्रदर्शन से हुआ। प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वालीं फिल्मों को 25 हजार,15 रुपये और 10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया। इस प्रतियोगी फिल्म खंड के निर्णायकों में वरिष्ठ फिल्म लेखक व अभिनेता इम्तियाज हुसैन, प्रो. मोहनदास, डीयू के प्रोफेसर एवं फिल्म एवं कला समीक्षक डा. मुन्ना पांडेय और फिल्म समीक्षक, ब्लागर मोहम्मद मुर्तजा अली रहे। दूसरे सत्र में आजमगढ़ के कलेक्टर रहे पूर्व आइएएस अधिकारी एनपी सिंह ने देशभर से आए प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया। शिक्षा, समाज, दर्शन और मानसिक दक्षता पर मास्टर क्लास ली। कहा कि प्रकृति को सही तरीके से समझें तो आप की समस्या का समाधान निकल आएगा। कहाकि किसी भी झंझावात और नकारात्मक सोच से डरना नहीं चाहिए। तीसरे सत्र में अमृता प्रीतम की कहानी पर आधारित और डा. योगेंद्र चौबे निर्देशित छत्तीसगढ़ी फिल्म गांजे की कली का प्रदर्शन हुआ। बाद में फिल्म के निर्देशक के साथ प्रो. मुन्ना के. पांडेय ने दर्शकों से बात की। चौथा सत्र श्रीराम डाल्टन की फिल्म स्प्रिंग थंडर के नाम रहा और बाद में लेखिका शोभा अक्षरा ने फ़िल्म के निर्देशक और दर्शकों से संवाद किया। इस फिल्म महोत्सव का समापन पंकज त्रिपाठी अभिनीत चर्चित फिल्म कागज से हुआ। शहर के राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त और विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित रंगकर्मी अभिनेता अभिषेक पंडित और सूत्रधार के निदेशक डा. सीके त्यागी ने तीन सालों की उपलब्धि बताई। इस मौके पर इंजीनियर कुलभूषण सिंह, डा. नीरज शर्मा आदि थे।
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