लाल किले की घटना किसान आंदोलन को बदनाम करने की भाजपा के लोगों की साजिश थी- नेता प्रतिपक्ष
आजमगढ़: विधायकों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए कमिश्नर और डीएआइजी से कहा है। अगर कार्रवाई नहीं होती है तो विधानसभा में मामले को उठाया जाएगा। लगता है कि प्रदेश में लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी समाप्त हो चुकी है। हम लोकतंत्र को समाप्त नहीं होने देंगे। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का इशारा हुआ तो नौजवान फांसी और गोली खाने को तैयार हैं। लाल किले की घटना किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश थी और इस साजिश में भाजपा के लोग शामिल थे। हर तरफ तैनात पुलिस ने आखिर ऐसे लोगों को क्यों नहीं रोका। यह बातें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने लोकनिर्माण विभाग के डाकबंगले में बुधवार को प्रेसवार्ता के दौरान कही। वह विधायक आलमबदी आजमी के साथ कोतवाल द्वारा कथित दुर्व्यहार की सूचना पर जिले में पहुंचे थे। कहा कि लगता है सरकार सभी संस्थाओं को कैदखाने में रखना चाहती है। बताया कि विधायकगण जिले की कुछ समस्याओं पर बात करने के लिए डीएम से मिलने जा रहे थे। विधायकों के साथ दुर्व्यवहार विशेषाधिकार का हनन है। हमने कमिश्नर से बात की जिसके बाद डीएम मौके पर पहुंचे। सवाल यह उठता है कि जब ट्रैक्टर रैली के दौरान सब शांति से बीत गया तो विधायकों को रोकने का औचित्य क्या था। आज हालत यह हो गई है कि कोई अपनी बात कहने के लिए प्रदेश के बादशाह के पास पहुंच रहा है तो उसका पत्रक लेने की बजाय लाठियां बरसाई जा रही हैं। इसके चलते काेई लखनऊ नहीं जाना चाहता। श्री चौधरी ने कहा कि किसानों के पक्ष में हमेशा लड़ते रहेंगे, भले ही इसके लिए गोली खानी पड़े। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी और लोकनायक जयप्रकाश ने एक समय में आह्वान किया था कि स्कूल छोड़ छात्र बाहर निकलें, क्योंकि देश डूब रहा है। आज उसी तरह की स्थिति बन गई है। कारपोरेट घराने को सत्ता सौंपने की तैयारी की जा रही है। बीएसएनएल से लेकर रेल तक को निजी हाथों में देने की तैयारी है तो फिर बचा क्या है। प्रेसवार्ता के दौरान निवर्तमान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव, पूर्व सांसद रमाकांत यादव, बलिहारी बाबू, पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम यादव, विधायक दुर्गा प्रसाद यादव, डा. संग्राम यादव, नफीस अहमद आदि थे।
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