सिंचाई हेतु तत्काल पानी छोड़ने का आदेश दें, विलम्ब करने वाले लोगों पर कार्यवाही हो- राजनेत यादव
आजमगढ़: लोकतान्त्रिक अधिकार एवं जन एकता समिति के अध्यक्ष राजनेत यादव के नेतृत्व में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर नहरों में पानी छोड़े जाने की मांग किया। इस दौरान किसानों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया गया। सौंपे गये ज्ञापन में अध्यक्ष राजनेत यादव ने कहाकि शारदा सहायक खंड-32 नहर में पानी न छोड़े जाने सिंचाई कार्य प्रभावित हो रहा है और गरीब, कमजोर किसानों के समक्ष भारी संकट खड़ा हो गया। उक्त नहर के पानी के भरोसे सैकड़ां गांव के किसान अपने खेतों की सिंचाई कार्य को पूरा करते है। 70 प्रतिशत किसान गेहूं की बुवाई 5 से 15 नवंबर के मध्यम कर चुके है, इसके बीच किसानों के खेतों को सिंचाई की आवश्यकता है लेकिन अब तक सिंचाई विभाग द्वारा पानी न छोड़ा जाना अक्षम्य लापरवाही है। शीध्र ही उक्त नहर में पानी न छोड़ा गया तो किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो जायेगी। सिंचाई हेतु तत्काल पानी छोड़ने का आदेश देते हुए पानी विलम्ब से छोडने वाले शारदा सहायक खंड के जिम्मेदार के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की नितांत आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो सकें। इसके साथ ही अवगत कराना है कि 22 दिसंबर को हल्का पानी छोड़ा गया, जो कुछ ही देर में बंद भी कर दिया गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री यादव ने कहाकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के 70 फीसदी किसान नहरों के ऊपर निर्भर है। गेहूं की पहली सिंचाई बुआई से 21 दिन के अंदर हो जानी चाहिए। विलंब होने पर गेहूं की फसल खराब हो जाती है। 80 फीसद किसान गेहूं की बुआई 5 से 20 नवम्बर के बीच कर चुके है। एक महीना बीतने के बाद भी आत तक शारदा सहायक खंड 32 सहित पूर्वांचल की मुख्य नहरों में पानी न आने से सुल्तानपुर, आजमगढ़, गाजीपुर आदि के लाखों किसानों की गेहूं की फसले नहरों में पानी न आने से झुलस गई है। नवम्बर माह में पानी रोक सिल्ट सफाई प्रत्येक वर्ष कराई जाती है। 5 से 10 दिसम्बर तक नहरों में पानी आ जाना चाहिए था लेकिन अभी तक पानी का न आना नहर विभाग की घोर लापरवाही व अक्षम्य लापरवाही है। श्री यादव ने मांग किया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल नहरों में किसान सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाय। जिससे बड़े पैमाने पर सैकड़ों ग्रामीण किसान लाभांवित हो सकें। अगर कृषि कार्य हेतु तत्काल आवश्यक दिशा-निर्देश नहीं दिया गया तो किसान के हितों को लेकर समिति मुखर होकर अपनी आवाज बुलंद करेगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपने वालों में शम्भू शास्त्री, चन्देश यादव, शम्भू यादव, राहुल पांडेय, हरिहर प्रसाद, मुनी शंकर राय, रामदरश यादव, बनारसी राम, गौतम यादव आदि मौजूद रहे।
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